कितनी बड़ी दिखती होंगी – एक रोचक कल्पना
"कितनी बड़ी दिखती होंगी" एक रोचक और कल्पनात्मक कविता है, जो हमें दुनिया को एक छोटे जीव की नजर से देखने की कोशिश कराती है। इसमें एक मक्खी की दृष्टि से चीजों के आकार का वर्णन किया गया है।
"कितनी बड़ी दिखती होंगी" एक रोचक और कल्पनात्मक कविता है, जो हमें दुनिया को एक छोटे जीव की नजर से देखने की कोशिश कराती है। इसमें एक मक्खी की दृष्टि से चीजों के आकार का वर्णन किया गया है।
Web Stories- यह कविता एक रेलगाड़ी की यात्रा का रोमांचक और जीवंत चित्रण करती है। इसमें ट्रेन की गति, आवाज़ें और उसकी पूरी गतिविधि को मज़ेदार और लयबद्ध शब्दों के माध्यम से
यह कविता एक रेलगाड़ी की यात्रा का रोमांचक और जीवंत चित्रण करती है। इसमें ट्रेन की गति, आवाज़ें और उसकी पूरी गतिविधि को मज़ेदार और लयबद्ध शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
कविता बच्चों की नटखट दुनिया और उनकी मासूमियत भरी शरारतों को दर्शाती है। यह कविता हमें बताती है कि बच्चों के संग बच्चा बनना कितना खुशनुमा और आनंददायक होता है।
School Bus Poem : इस कविता में एक स्कूल बस का वर्णन किया गया है जो बच्चों के दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। इस बस को बच्चे बहुत प्यार करते हैं क्योंकि यह उन्हें उनके घर से स्कूल तक और स्कूल से वापस घर तक सुरक्षित रूप से लाती और ले जाती है।
आज की दुनिया में कंप्यूटर एक जादुई मशीन की तरह काम करता है। यह हमारी पढ़ाई में मदद करता है, नई चीजें सिखाता है, दुनिया की खबरें दिखाता है और ढेर सारे मजेदार खेल भी खिलाता है।
एक दिन एक चालाक बिल्ली चुपके से रसोई में घुस गई। उसकी नजर कड़ाही में रखे गर्म दूध और मलाई पर पड़ी। मलाई देखकर उसकी जीभ ललचाने लगी, और उसने सोचा, "जल्दी से दूध पी लूं और सब साफ कर दूं, ताकि किसी को पता ही न चले!"