बच्चों की कविता: दो प्यारी कविता - गर्मी और कोयल
बच्चों की कविता: दो प्यारी कविता - गर्मी और कोयल - यह कविता गर्मी के मौसम और कोयल की मधुर आवाज़ को केंद्र में रखकर रची गई है, जो बच्चों को प्रकृति से जोड़ती है और उनकी कल्पनाशक्ति को उड़ान देती है।
बच्चों की कविता: दो प्यारी कविता - गर्मी और कोयल - यह कविता गर्मी के मौसम और कोयल की मधुर आवाज़ को केंद्र में रखकर रची गई है, जो बच्चों को प्रकृति से जोड़ती है और उनकी कल्पनाशक्ति को उड़ान देती है।
कविता में एक छोटे बच्चे के नजरिए से माँ के प्यार और देखभाल को बहुत ही प्यारे अंदाज में बताया गया है। बच्चा याद करता है कि जब वह छोटा था, माँ उसे गोद में सुलाती, दूध पिलाती और मक्खन-मिश्री खिलाती थीं।
बाल कविता : कलैण्डर की तस्वीरें- कविता का मुख्य विषय एक वर्ष के बारह महीनों को कलैण्डर की तस्वीरों के माध्यम से चित्रित करना है। प्रत्येक महीने की तस्वीर प्रकृति, मौसम, और दैनिक जीवन की घटनाओं से जुड़ी है,
यह कविता फूलों को प्रतीक बनाकर जीवन के मूल्यों को सिखाती है। फूल सुंदरता, प्रेम, और एकता का प्रतीक हैं। वे हमें हर हाल में मुसकुराना, भेदभाव से दूर रहना, और दूसरों के साथ मिलकर रहना सिखाते हैं। कविता में फूलों का मानवीकरण किया गया है
यह कविता "बच्चा होना, कितना अच्छा" बच्चों की उस मासूम और नटखट दुनिया को दर्शाती है, जहाँ छोटी-छोटी बातों में खुशी होती है। इस कविता में बच्चे की कल्पनाओं, शरारतों, खेलों और मासूमियत को सरल भाषा में बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में पिरोया गया है।
इस कविता "अ से अनार, आ से आम" में हिंदी वर्णमाला के अक्षरों को बच्चों के लिए सरल और मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक पंक्ति में एक अक्षर के साथ उससे जुड़ा एक शब्द है जो बच्चों को उस अक्षर की पहचान करने में मदद करता है।
"कितनी बड़ी दिखती होंगी" एक रोचक और कल्पनात्मक कविता है, जो हमें दुनिया को एक छोटे जीव की नजर से देखने की कोशिश कराती है। इसमें एक मक्खी की दृष्टि से चीजों के आकार का वर्णन किया गया है।