बाल कविता : पानी और धूप
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
कविता “मेरा घर राजमहल” बच्चों को यह सिखाती है कि असली समृद्धि (real wealth) और असली खुशी (true happiness) घर की दीवारों, छत या महंगी चीज़ों से नहीं आती, बल्कि परिवार के प्यार (love), अपनापन (togetherness)
बचपन (childhood) ज़िंदगी का सबसे सुंदर समय होता है। इसी मासूमियत और सपनों भरी दुनिया को दर्शाती है कविता “हम बच्चे”। यह कविता बच्चों को उनके सपनों (dreams), कल्पनाओं (imagination) और उम्मीदों (hope) की ताकत दिखाती है।
कविताएँ बच्चों के लिए सिर्फ़ पढ़ने का साधन नहीं बल्कि सीखने और आनंद लेने का माध्यम होती हैं। “बरखा रानी और सूरज की छुट्टी” कविता बच्चों को प्रकृति (nature) से जोड़ती है। इसमें बताया गया है कि कैसे पेड़-पौधे, पक्षी (birds)
सुबह का समय बच्चों के लिए नई ऊर्जा (new energy) और ताज़गी (freshness) लेकर आता है। जैसे ही सूरज उगता है और चिड़ियाँ चहचहाती हैं, वैसे ही बच्चे भी मुस्कान के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। यह प्यारी कविता “हुआ सवेरा” हमें अच्छे आदतों
यह कविता “बादल प्यारे” बच्चों की कल्पना और मासूम सवालों को बहुत सुंदर ढंग से सामने लाती है। इसमें बच्चा बादल से सीधे संवाद करता है और उसे एक दोस्त की तरह मानकर बातें करता है। बच्चा बादल से पूछता है कि बिना पंख के वह कैसे उड़ जाता है
कविता “हम बालक हैं…” एक प्रार्थना-गीत है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भगवान से सच्चे मन से मार्गदर्शन माँगते हैं। बच्चे स्वयं को नादान और भोला मानते हैं और मानते हैं कि ईश्वर ही ज्ञान का असली खज़ाना हैं। इसीलिए वे उनसे प्रार्थना करते हैं ...