बाल कविता - आ-रे बादल !
एक खूबसूरत कविता है जो बादलों को बुलाने और उनसे वर्षा की आशा का वर्णन करती है। यह कविता प्रकृति के साथ मानव के अद्वितीय संबंध को दर्शाती है और बरसात के मौसम की रोमांचकारी और ताजगी भरी भावनाओं को साझा करती है।
एक खूबसूरत कविता है जो बादलों को बुलाने और उनसे वर्षा की आशा का वर्णन करती है। यह कविता प्रकृति के साथ मानव के अद्वितीय संबंध को दर्शाती है और बरसात के मौसम की रोमांचकारी और ताजगी भरी भावनाओं को साझा करती है।
यह कविता बच्चों को फलों की दुनिया से परिचित कराती है और उन्हें स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रेरित करती है। कविता की शुरुआत फल बाजार की एक रंगीन तस्वीर से होती है,
इस मज़ेदार कविता में सब्जियों की एक अनोखी बारात का वर्णन किया गया है, जिसे पढ़कर बच्चे बहुत आनंदित होंगे। कद्दू जी की बारात निकली और पूरे उत्साह के साथ सब्जियाँ इसमें शामिल हुईं।
गुब्बारे वाला बच्चों की दुनिया में एक खास आकर्षण होता है। जब वह अपने रंग-बिरंगे गुब्बारों के साथ आता है, तो बच्चों के चेहरे खुशी से चमक उठते हैं। लाल, हरे, नीले, पीले गुब्बारे हवा में ऊंचे उठाए जाते हैं
यह कविता ममता, सच्चाई और एक बच्चे की मासूमियत को दर्शाती है। गुड़िया अपनी झूठी चॉकलेट पर गुस्सा करती है और मम्मी से शिकायत करती है। मम्मी उसे नई चॉकलेट का वादा करती हैं,
यह कविता बेटी के महत्व और उसकी अनमोल उपस्थिति को दर्शाती है। बेटी को ईश्वर की सौगात और जीवन में खुशियों का प्रतीक बताया गया है। वह सुबह की पहली किरण और तारों की शीतल छाया के समान जीवन में उजाला लाती है।
यह कविता माँ के निःस्वार्थ प्रेम, त्याग और बच्चों के प्रति उनकी अनमोल भावनाओं का वर्णन करती है। माँ अपनी सारी खुशियाँ और सुख अपने बच्चों के लिए न्योछावर कर देती हैं।