पुष्प की अभिलाषा कविता
“पुष्प की अभिलाषा” हिंदी साहित्य की एक ऐसी अमर देशभक्ति कविता है, जो मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और वीरता की भावना को बेहद सरल लेकिन प्रभावशाली शब्दों में व्यक्त करती है।
“पुष्प की अभिलाषा” हिंदी साहित्य की एक ऐसी अमर देशभक्ति कविता है, जो मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और वीरता की भावना को बेहद सरल लेकिन प्रभावशाली शब्दों में व्यक्त करती है।
बचपन दुनिया का सबसे खूबसूरत समय होता है। छोटे–छोटे कदम, मासूमियत भरी बातें, और शरारतों में छिपी आनंद की चमक — यही वह दौर है जिसे याद करके हर कोई मुस्कुरा उठता है।
थोड़ा सा तो हो ना बचपन- बचपन की सबसे खूबसूरत बात यह है कि हर चीज नई और जादुई लगती है। हर सुबह एक नया अनुभव लेकर आती है, जैसे सूरज का चमकना, चिड़ियों का चहचहाना
थोड़ा सा तो हो ना बचपन- बचपन की सबसे खूबसूरत बात यह है कि हर चीज नई और जादुई लगती है। हर सुबह एक नया अनुभव लेकर आती है, जैसे सूरज का चमकना, चिड़ियों का चहचहाना
बचपन की दुनिया कल्पनाओं, शरारतों और मासूमियत से भरी होती है। इसी उम्र में बच्चा छोटी-छोटी बातों में भी खुशी ढूँढ लेता है और हर जीव को अपना दोस्त बनाने की क्षमता रखता है।
हर बच्चे का स्कूल जाना सिर्फ पढ़ाई की शुरुआत नहीं होता, बल्कि एक नए संसार में कदम रखने जैसा होता है। मुनिया के लिए भी स्कूल जाना एक सपना है,
सपने नए हैं आँखों में : - बचपन वह समय होता है जब सपने सबसे सच्चे होते हैं और कल्पनाएँ सबसे रंगीन। छोटे बच्चों की आँखों में छिपे सपने किसी भी आसमान से बड़े होते हैं, और उनकी सोच किसी भी सीमा को नहीं मानती।