बाल कविता - बढ़े चलो
“बढ़े चलो” एक प्रेरणादायक कविता है जो जीवन में सकारात्मक सोच (Positive Thinking), धैर्य (Patience) और साहस (Courage) के महत्व को बहुत सुंदर तरीके से दर्शाती है।
“बढ़े चलो” एक प्रेरणादायक कविता है जो जीवन में सकारात्मक सोच (Positive Thinking), धैर्य (Patience) और साहस (Courage) के महत्व को बहुत सुंदर तरीके से दर्शाती है।
बच्चों, आपने कभी सोचा है कि अगर पेड़ न हों तो हमारी धरती कैसी लगेगी? न हरियाली होगी, न ताज़ी हवा, न मीठे फल, न ठंडी छाया। इसलिए कहा जाता है कि पेड़ हमारे असली साथी (trees are our true friends) हैं।
महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से बापू कहा जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। उन्होंने कभी भी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया, बल्कि सत्य (truth) और अहिंसा (non-violence) के बल पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया।
बचपन की दुनिया कितनी रंगीन होती है। न कोई चिंता, न कोई बोझ, बस हंसी-खुशी और ढेर सारी शरारतें। कविता “बहती नदिया छप-छप पानी” बच्चों के इन्हीं सुनहरे पलों को याद दिलाती है।
बचपन (childhood) हर किसी के जीवन का सबसे सुनहरा समय होता है। वह समय जब चेहरे पर बेफिक्र मुस्कान होती है और दिल में ढेर सारी मासूम शैतानियाँ। कविता “मुस्कान पुरानी” हमें उसी बचपन की गलियों में ले जाती है
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
आज के समय में जब प्रदूषण (pollution) और ग्लोबल वार्मिंग (global warming) हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तब पेड़-पौधों का महत्व और भी बढ़ जाता है। पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन (oxygen) देते हैं, बल्कि धरती के तापमान को संतुलित रखते हैं,