बाल कविता - चार चने
"चार चने" एक मज़ेदार और कल्पनाओं से भरी कविता है जो बच्चों को हंसी, खेल और दोस्ती की दुनिया में ले जाती है। इसमें एक छोटा सा सपना है – अगर हमारे पास पैसे होते तो चार चने खरीदते और उन्हें अलग-अलग जानवरों को खिलाते।
"चार चने" एक मज़ेदार और कल्पनाओं से भरी कविता है जो बच्चों को हंसी, खेल और दोस्ती की दुनिया में ले जाती है। इसमें एक छोटा सा सपना है – अगर हमारे पास पैसे होते तो चार चने खरीदते और उन्हें अलग-अलग जानवरों को खिलाते।
बाल कविता -कोयल:- वसंत ऋतु का मौसम हो और पेड़ों पर नए-नए पत्ते खिलें, तो जंगल और बग़ीचों में एक खास आवाज़ गूंजने लगती है – कूऊ-कूऊ। यह होती है कोयल की मधुर पुकार। काले रंग की यह नन्हीं सी चिड़िया हरे पत्तों में छुपकर
बच्चों के लिए लिखी गई यह कविता "गाओ-गाओ" केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि एक गहरे नैतिक संदेश को सरल और हास्यपूर्ण अंदाज़ में प्रस्तुत करती है। कविता की शुरुआत एक मजेदार दृश्य से होती है,
बच्चो, क्या आपने कभी सोचा है कि फूल, पेड़, सूरज और नदी — ये सब हमें बहुत कुछ सिखा सकते हैं? जी हाँ! ये प्रकृति के दोस्त हर दिन बिना कुछ कहे हमें जिंदगी जीने का सही तरीका बताते हैं।
"पढ़ते जाओ, पढ़ते जाओ, पढ़ते जाओ, सबसे आगे बढ़ते जाओ" - यह पंक्ति एक ऐसी प्रेरणादायक कविता की शुरुआत है जो बच्चों के दिलों को छूती है और उन्हें शिक्षा के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है।
"चुनु-मुनु" एक मनोरंजक और शिक्षाप्रद कविता है जो दो प्यारे भाईयों की कहानी को मज़ेदार तरीके से प्रस्तुत करती है। इस कविता में चुनु और मुनु नाम के दो भाई एक रसगुल्ले को लेकर आपस में झगड़ने लगते हैं।
बच्चों के लिए कविताएँ फूलों की तरह हैं - जिस तरह फूल खुशबू, रंग और खुशी फैलाते हैं, वैसे ही कविताएँ बच्चों के मन में ज्ञान, कल्पना और सुंदर भावनाएँ बिखेरती हैं। ये उनकी भाषा को सुंदर बनाती हैं