सर्दी पर एक सुन्दर कविता - सर्दी के दिन आए इस कविता में ठंडी के दिनों के दौरान जानवरों की मुश्किलों और उनकी प्रतिक्रियाओं को दर्शाया गया है। टामी, गैया, पुसी, और कौआ, सभी ठंडी से जूझते हुए अपनी समस्याओं को व्यक्त करते हैं। By Lotpot 19 Nov 2024 in Poem New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 सर्दी के दिन आए- इस कविता में ठंडी के दिनों के दौरान जानवरों की मुश्किलों और उनकी प्रतिक्रियाओं को दर्शाया गया है। टामी, गैया, पुसी, और कौआ, सभी ठंडी से जूझते हुए अपनी समस्याओं को व्यक्त करते हैं। कविता का मुख्य संदेश यह है कि ठंडी के दिन न केवल इंसानों के लिए, बल्कि जानवरों के लिए भी कठिनाई लेकर आते हैं। यह कविता हमें सर्दी में जानवरों की देखभाल और उनकी जरूरतों का ध्यान रखने का संदेश देती है। सर्दी के दिन आए कविता: हॉंफ हॉंफ करें टामी बोला"नींद तले सुसताएं,कंबल ओढ़ लें कहीं कोने में,सर्दी के दिन आए!" द्वार खड़ी है प्यासी गैया,कंपकंपाए पूरी काया।"सूखी है चारा, ठंड से सारा,सर्दी के दिन आए।" "म्याऊं म्याऊं" पुसी बोली,"ठंडी का सच तुफान है।यह ठंडी तो मुझसे भाई,बिलकुल नहीं सहन है।" "बिल में सभी छुपे बैठे हैं,चूहे एक न आए,सर्दी के दिन आए।" "में-में" करती बकरी बोली,"हरे चारे की खोज है भारी।धरती सर्द पड़ी है सारी,सर्दी के दिन आए।" कांव-कांव कर कौआ बोला,"ठंड में खोज रहा कुछ खाना।बूँद बूँद की आस है भारी,सर्दी के दिन आए।" ये कविता भी पढ़ें : सुन्दर कविता : मेरी प्यारी बड़ी दीदीकविता: चिंटू-मिंटू की मस्तीचूहे को बुखार की कवितासोनू की टॉफी: एक मीठी बाल कविता #Hindi Poem #hindi poem for kids #bachchon ki hindi poem #bachon ki hindi poem #bachon ki hindi poems #Best hindi poems #Best hindi poems for kids You May Also like Read the Next Article