कविता: चिंटू-मिंटू की मस्ती

यह कविता चिंटू और मिंटू नाम के दो नन्हे दोस्तों की आनंददायक मस्ती को दर्शाती है। वे हमेशा एक-दूसरे के साथ खेलते हैं, हंसते हैं और अपनी मासूमियत के साथ जीवन का आनंद लेते हैं।

By Lotpot
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Poem Chintu-Mintu Ki Masti
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कविता: चिंटू-मिंटू की मस्ती- यह कविता चिंटू और मिंटू नाम के दो नन्हे दोस्तों की आनंददायक मस्ती को दर्शाती है। वे हमेशा एक-दूसरे के साथ खेलते हैं, हंसते हैं और अपनी मासूमियत के साथ जीवन का आनंद लेते हैं। कविता में दोस्ती, खेल और जीवन की सरल खुशियों को खूबसूरती से चित्रित किया गया है, जो बच्चों को सकारात्मकता और आनंद का अनुभव कराता है।

चिंटू-मिंटू प्यारे भाई,
संग मिलकर खेलें, हंसते-खिलखिलाए।
बिना किसी चिंता के, सब कुछ ठीक है,
जैसे चिड़िया खुले आसमान में उड़ जाए।

एक गेंद लेकर चलें मैदान में,
देखो क्या मस्ती है इनकी जान में।
साथ में हैं ढेर सारे प्यारे दोस्त,
मम्मी-पापा भी, सब रहते खुशहाल और ताजगी में।

Poem Chintu-Mintu Ki Masti

पत्तों की छांव में खेलें छिपा-छिपी,
कभी-कभी आते हैं, बातें करते गप्पी।
चिंटू बोला, "चलो दौड़ें,
मिट्टी में लोटें, सारे ग़म भूलें।"

फूलों की खुशबू में, मनाएँ हम जश्न,
संगीत के सुर में, गाएं नई रागिनी।
दोस्ती की बातें, हंसी-मज़ाक में,
चिंटू-मिंटू के संग, हर दिन खास में।

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