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"भाई चारा" कविता बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश देती है, जिसमें मिल-जुलकर चलने और प्यार बांटने का महत्व बताया गया है। यह कविता नफरत और भेदभाव को दूर भगाने, और एकता के साथ जीवन जीने का संदेश देती है। भाई-चारा हमें सिखाता है कि सच्ची खुशी और ताकत तभी आती है जब हम साथ होते हैं, एक-दूसरे का सहारा बनते हैं।
भाई-चारा, सबसे प्यारा,
सबके दिलों का सहारा।
हाथ से हाथ मिला के चलें,
सपनों को हम साथ में बुनें।
न रंग भेद, न जात-पात,
सबको एक जैसा मिले साथ।
प्यार की बोली बोले हर कोई,
दुनिया में हो अमन-चैन का शोर।
जब कोई दुखी हो, हम साथ दें,
जब कोई खुश हो, हम मुस्कुराएं।
एकता में है सबसे बड़ी ताकत,
मिल-जुलकर हर मुश्किल सुलझाएं।
प्यार का दीपक जलाएं हर दिल में,
नफरत को दूर भगाएं मन से।
हम सब हैं एक-दूसरे के साथी,
जीवन की राह को बनाएँ सुगम।
भाई-चारे से महकता है संसार,
हम सबका हो एक ही आधार।
दिलों में हो सच्चा प्रेम,
भाई-चारा सिखाए हमें नेक रास्ते।
हम बच्चे हैं, सिखाएंगे प्यार,
भाई-चारा हमारा है सबसे बड़ा उपहार।
मिल-जुलकर चलें हम हरदम,
खुशियों से भर जाए सारा जीवन।