बाल कविता : गुड़िया की आंखों में सपने
कविता “गुड़िया की आंखों में सपने” एक मासूम बचपन की भावनाओं और उसके अंतर्मन में बसे छोटे-बड़े सपनों को उजागर करती है। यह कविता नन्ही गुड़िया यानी एक छोटी बच्ची की कल्पनाओं, इच्छाओं और सपनों की उस दुनिया में ले जाती है