माँ की ममता और चंदामामा की शरारत — बचपन की दो प्यारी कविताएँ

कविता में एक छोटे बच्चे के नजरिए से माँ के प्यार और देखभाल को बहुत ही प्यारे अंदाज में बताया गया है। बच्चा याद करता है कि जब वह छोटा था, माँ उसे गोद में सुलाती, दूध पिलाती और मक्खन-मिश्री खिलाती थीं।

By Lotpot
New Update
Mother's affection and Chandamama prank — childhood of the two poems
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

"माँ की ममता" कविता में एक छोटे बच्चे के नजरिए से माँ के प्यार और देखभाल को बहुत ही प्यारे अंदाज में बताया गया है। बच्चा याद करता है कि जब वह छोटा था, माँ उसे गोद में सुलाती, दूध पिलाती और मक्खन-मिश्री खिलाती थीं। माँ की सरलता, ममता और स्नेह से भरी दुनिया को यह कविता बहुत ही दिल छूने वाले शब्दों में दर्शाती है। बच्चा मानता है कि माँ ही उसकी पूरी दुनिया हैं।

"चंदामामा" कविता में बच्चे की मासूम शरारत और कल्पना झलकती है। बच्चा चंदामामा से खेलना चाहता है। वह चंदा से कहता है कि वह बादलों में आँख-मिचौली क्यों खेल रहे हो, मुझे भी अपने खेल में शामिल करो। बच्चा खुद को तेज और फुर्तीला मानते हुए चंदामामा को पकड़ने का मज़ाकिया दावा करता है। यह कविता बच्चों के खेल-खेल में कल्पना और चंचलता को दर्शाती है।

माँ की ममता

maa ki mamta

जब मैं छोटी बच्ची थी
माँ की प्यारी दुलारी थी
माँ तो हमको दूध पिलाती,
माँ भी कितनी भोली भाली।
मक्खन मिश्री घोल खिलाती
बड़े मजे से गोद में सुलाती,
माँ तो कितनी अच्छी है
सारी दुनिया उसमें है।

चंदामामा

chandamama

चंदामामा ठहरो थोड़ा,
कहाँ चले तुम जाते हो?
खेल रहे क्या आंख मिचैली
बादल में छिप जाते हो?
मुझे बुला लो मैं देखूंगा
कितने हो छिपने में तेज़
नहीं पकड़ पाओगे मुझको
मैं दौडूंगा तुमसे तेज़।

और पढ़ें : 

आम की टोकरी - हिंदी कहानी

सर्दी पर बाल कविता - "जाड़ा"

प्रेम-प्रीत हो सबकी भाषा

बाल कविता : जनवरी की सर्दी

Tags : bachchon ki hindi poem | bachon ki hindi poem | bachon ki hindi poems | bachon ki poem | Best hindi poems | Best hindi poems for kids | entertaining hindi poem for kids | entertaining kids poem | hindi kids Poem | Hindi Poem | hindi poem for kids | Hindi Poem Morning of Banaras