सो जा मुन्ना रात हुई अब, अब सपने भी आयेंगे

सो जा मुन्ना रात हुई अब, अब सपने भी आयेंगे- यह प्यारी सी लोरीनुमा कविता बच्चों के मासूम बचपन और उनकी मीठी नींद के लिए लिखी गई है। जब रात का अँधेरा चारों ओर छा जाता है और चाँद-तारे आसमान में खिल उठते हैं

ByLotpot
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सो जा मुन्ना रात हुई अब, अब सपने भी आयेंगे- यह प्यारी सी लोरीनुमा कविता बच्चों के मासूम बचपन और उनकी मीठी नींद के लिए लिखी गई है। जब रात का अँधेरा चारों ओर छा जाता है और चाँद-तारे आसमान में खिल उठते हैं, तो हर माँ अपने नन्हे मुन्ने को गोद में सुलाकर मीठे सपनों की दुनिया में भेजना चाहती है। यह कविता भी उसी ममता भरे अहसास को जगाती है।

कविता में बताया गया है कि कैसे सपनों में रंग-बिरंगे खिलौने, नन्हें जुगनू और प्यारे-प्यारे खेल बच्चों के सिरहाने आकर चुपके से बैठ जाते हैं। यह कविता बच्चों के बचपन को जीने, अपने अंदर के नटखटपन और मासूमियत को महसूस करने का संदेश देती है। इसमें सोते हुए भी सपनों में खूब सारी मस्ती करने और अपनी कल्पनाओं के पंख फैलाने का मज़ा छुपा है।

बच्चों के लिए यह कविता पढ़ना उन्हें न सिर्फ़ नींद की गोद में पहुंचा देता है, बल्कि उनके मन में बचपन की किलकारियों और प्यारी कल्पनाओं का सुंदर संसार भी बस जाता है। सो जा मुन्ना… और सपनों में खेलते रहना!

सो जा मुन्ना रात हुई अब, अब सपने भी आयेंगे

पलकों पर तेरे चुपके
मुस्कान नई रख जायेंगे।

सपने नए सलोने से
हंसते हुए खिलौने से
चुपचाप तुम्हारे सिरहाने
वो राह नई बुन जायेंगे।

सो जा मुन्ना रात हुई अब, अब सपने भी आयेंगे।

होंगे खूब निराले खेल
पल में कट्टी, पल में मेल।
नन्हे-नन्हे जुगनू तेरी
मुट्ठी में भर जायेंगे।

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