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"आकाश की सैर" एक बच्चों के लिए लिखी गई तुकबंदी कविता है, जिसमें आकाश की सुंदरता को दर्शाया गया है। सूरज, चाँद, तारे, बादल, पंछी, और इंद्रधनुष के माध्यम से आकाश के रंग-बिरंगे रूप को दिखाया गया है। यह कविता बच्चों को प्रकृति से जोड़ती है और उनके सपनों को उड़ान देने की प्रेरणा देती है। (Akash Poem for Kids, Hindi Rhyming Poem, Nature Poem for Children)
नन्हे-मुन्ने बच्चों, सुनो एक बात,
आकाश है नीला, करता है मुलाकात।
सूरज चमकता, जैसे सुनहरा ताज,
चाँद दिखे रात में, करता है राज।
तारे टिमटिमाते, जैसे छोटे दीप,
आकाश में उड़ते, बादल हैं सजीव।
कभी बनते गोल, कभी बनते हाथी,
बच्चों को दिखाते, अपने साथी।
पंछी चहकते, उड़ते हैं आज़ाद,
आकाश की सैर में, उनका है स्वाद।
हवा के झोंके, गाते हैं गीत,
आकाश है सुंदर, इसमें है प्रीत।
कभी बरसता पानी, बूँदों की फुहार,
आकाश से आती, खुशियों की बहार।
इंद्रधनुष बनता, सात रंगों का मेल,
बच्चे देखकर करते, खुशी का खेल।
तो आओ बच्चो, आकाश को निहारें,
सपनों के पंखों से, ऊँची उड़ान उड़े।
आकाश है अपना, नीला-सा प्यारा,
इसके संग हमारे, सपनों का किनारा।
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