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bal kavita hindi poem
Hindi Poem : चिड़िया का संसार:- यह कविता एक नन्ही चिड़िया के माध्यम से संसार को समझने और अनुभव करने की यात्रा को दर्शाती है। शुरुआत में उसका संसार सीमित होता है, लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ी होती है, उसका अनुभव और दृष्टिकोण भी विस्तृत होता जाता है। यह कविता बच्चों को सीख देती है कि जीवन में हर कदम पर नया ज्ञान और नया संसार होता है।
चिड़िया का संसार
सबसे पहले मेरे घर का,
अंडे जैसा था आकार,
तब मैं यही समझती थी —
बस इतना सा ही है संसार।
फिर मेरा घर बना घोंसला,
सूखे तिनकों से तैयार,
तब मैं यही समझती थी —
बस इतना सा ही है संसार।
फिर मैं निकल गई शाखों पर,
हरी-भरी थी जो सुकुमार,
तब मैं यही समझती थी —
बस इतना सा ही है संसार।
आख़िर जब मैं आसमान में,
उड़ी दूर तक पंख पसार,
तभी समझ में मेरी आया —
बहुत बड़ा यह संसार।
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