बाल कविता : बच्चा होना, कितना अच्छा

यह कविता "बच्चा होना, कितना अच्छा" बच्चों की उस मासूम और नटखट दुनिया को दर्शाती है, जहाँ छोटी-छोटी बातों में खुशी होती है। इस कविता में बच्चे की कल्पनाओं, शरारतों, खेलों और मासूमियत को सरल भाषा में बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में पिरोया गया है।

By Lotpot
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child Poem: Having a baby, how good

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यह कविता "बच्चा होना, कितना अच्छा" बच्चों की उस मासूम और नटखट दुनिया को दर्शाती है, जहाँ छोटी-छोटी बातों में खुशी होती है। इस कविता में बच्चे की कल्पनाओं, शरारतों, खेलों और मासूमियत को सरल भाषा में बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में पिरोया गया है। यह कविता न सिर्फ बच्चों को हँसाएगी बल्कि बड़ों को भी अपने बचपन की याद दिला देगी। चाहे वो ता-ता थैया करना हो, झूठमूठ का रोना हो या इंजिन-घोड़ा बनकर खेलना—हर पंक्ति बच्चे की दुनिया का आइना है। यह कविता बच्चों की भावनाओं, ऊर्जा और कल्पना की उड़ान को बड़े प्यार से पेश करती है।

बच्चा होना, कितना अच्छा

बच्चा होना, कितना अच्छा
बच्चों के संग बच्चा होना
कितना अच्छा लगता है!

कभी खेल में हँसना गाना
ता-ता थैया नाच दिखाना,
और कभी नाराज सभी से
हो जाना, फिर मुँह लटकाना।

झूठ-मूठ ऊँ-ऊँ कर रोना
कितना अच्छा लगता है!

baccha hona hindi poem
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गाल फुला आँखें मिचकाना
करना काम कभी बचकाना,
बंदर जैसी हरकत करके
कभी डराना फिर भग जाना।

खाना झूठ मूठ ले दौना
कितना अच्छा लगता है!

कल्लू नीनू चुन्नू-दीनू
के संग मिलकर गप्प लड़ाना,
इंजन बनकर छुक-छुक करना
या टिक-टिक घोड़ा बन जाना।

ऊपर लाद सभी को ढोना
कितना अच्छा लगता है!

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