प्रेरक कहानी: नन्ही नदी की तीन मछलियाँ और एक सबक

"नन्ही नदी की तीन मछलियाँ और एक सबक" कहानी में तीन दोस्त मछलियाँ—सुनहरी, नीलम, और रूबी—एक नदी में रहती हैं। नीलम मछुआरों की बात सुनकर खतरे की चेतावनी देती है,

By Lotpot
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Motivational Story Three Fishes of Little River and A Lesson

Motivational Story: Three Fishes of Little River and A Lesson

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"नन्ही नदी की तीन मछलियाँ और एक सबक" कहानी में तीन दोस्त मछलियाँ—सुनहरी, नीलम, और रूबी—एक नदी में रहती हैं। नीलम मछुआरों की बात सुनकर खतरे की चेतावनी देती है, लेकिन रूबी अपने तेज़ होने के घमंड में उसकी सलाह नहीं मानती। नीलम और सुनहरी सुरक्षित जगह पर चली जाती हैं, जबकि रूबी मछुआरों के जाल में फँस जाती है। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपने दोस्तों की सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए। (Teen Machhli Ki Kahani Summary, Hindi Moral Tale)

कहानी: सुनहरी, नीलम और रूबी की दोस्ती (The Story: The Friendship of Sunhri, Neelam, and Ruby)

एक छोटी सी नदी में, जहाँ पानी साफ और ठंडा बहता था, तीन मछलियाँ रहती थीं। हर मछली का रंग अलग था, लेकिन उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि वे हमेशा साथ रहती थीं। सुनहरी मछली का रंग पीला था, जो सूरज की रोशनी में चमकता था। नीलम मछली नीले रंग की थी, जो पानी में आकाश की तरह लगती थी। और रूबी मछली लाल रंग की थी, जो अपनी तेज़ी के लिए जानी जाती थी। तीनों दोस्त हर दिन नदी में इधर-उधर तैरतीं, खेलतीं, और एक-दूसरे का ख्याल रखती थीं।

एक शाम, नीलम नदी के किनारे तैर रही थी। उसने देखा कि किनारे पर दो मछुआरे आपस में बात कर रहे हैं। एक मछुआरे ने कहा, "यार, इस नदी में अब मछलियाँ खूब हो गई होंगी। कल सुबह यहाँ जाल डालते हैं। अच्छी पकड़ होगी!" दूसरा मछुआरा हँसते हुए बोला, "हाँ, यहाँ तो मछलियाँ खाने की तलाश में किनारे तक आती हैं। कल सुबह जल्दी आते हैं।"

नीलम ने यह बात सुनी तो उसके होश उड़ गए। वह तेज़ी से तैरती हुई अपनी दोस्तों के पास पहुँची। उसने घबराते हुए कहा, "सुनहरी, रूबी! बड़ी मुसीबत आ गई है। मैंने अभी मछुआरों को बात करते सुना। वे कल सुबह यहाँ जाल डालने वाले हैं। हमें यहाँ से कहीं और चले जाना चाहिए!"

रूबी ने नीलम की बात सुनी और हँसते हुए बोली, "अरे नीलम, तू डरती बहुत है! मुझे तो कोई नहीं पकड़ सकता। मैं इतनी तेज़ हूँ कि मछुआरे मेरे पास भी नहीं आ पाएँगे। और वैसे भी, हमें यहाँ खाने की कमी थोड़े ही है। हम यहीं ठीक हैं।"

सुनहरी ने भी नीलम की बात पर गौर किया और कहा, "नीलम सही कह रही है, रूबी। भले ही यह हमारा घर हो, लेकिन हमें अपनी जान की भी तो फिक्र करनी चाहिए। एक दिन के लिए कहीं और चले जाते हैं। नदी के उस हिस्से में चले चलते हैं जहाँ पानी गहरा है और जंगल की झाड़ियाँ हैं। वहाँ मछुआरे नहीं आएँगे।"

रूबी ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं-नहीं, तुम दोनों बेकार में डर रही हो। मैं कहीं नहीं जाऊँगी। मैं तो यहाँ रहूँगी और देखूँगी कि मछुआरे मेरा क्या बिगाड़ लेते हैं।" नीलम और सुनहरी ने उसे बहुत समझाया, लेकिन रूबी अपनी बात पर अड़ी रही। आखिरकार, नीलम और सुनहरी ने फैसला किया कि वे दोनों नदी के गहरे और सुरक्षित हिस्से में चली जाएँगी।

अगली सुबह का मंज़र (The Next Morning’s Scene)

अगली सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही मछुआरे नदी के किनारे पहुँच गए। उन्होंने अपना बड़ा सा जाल निकाला और नदी में डाल दिया। जाल में कई मछलियाँ फँस गईं—कुछ हरे रंग की, कुछ नारंगी, कुछ सफेद, और कुछ तो बहुरंगी थीं। मछुआरों ने खुशी-खुशी एक-दूसरे से कहा, "वाह, क्या शानदार पकड़ है! इतने दिनों बाद इतनी सारी मछलियाँ मिली हैं। आज तो बाज़ार में अच्छी कमाई होगी।"

Motivational Story Three Fishes of Little River and A Lesson

लेकिन जाल में एक खास मछली भी थी—लाल रंग की रूबी। वह जाल में फँसकर छटपटा रही थी। उसे अपनी गलती का एहसास हो गया, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी। दूर झाड़ियों के पीछे से नीलम और सुनहरी यह सब देख रही थीं। नीलम ने उदास होकर कहा, "काश, रूबी ने हमारी बात मान ली होती। हम उसे बचा सकते थे।" सुनहरी ने सिर झुकाते हुए कहा, "हाँ, रूबी को अपने तेज़ होने पर बहुत घमंड था। उसने हमारी सलाह को अनसुना कर दिया। अब हमें और सावधान रहना होगा।"

एक नई शुरुआत (A New Beginning)

कुछ दिनों बाद, नीलम और सुनहरी ने नदी के उस हिस्से को अपना नया घर बना लिया जहाँ मछुआरे नहीं आते थे। उन्होंने वहाँ कई नए दोस्त बनाए—एक छोटी हरी मछली, एक चमकीली चाँदी मछली, और एक शर्मीली भूरी मछली। नीलम ने उनसे कहा, "हमें हमेशा एक-दूसरे की बात सुननी चाहिए। अगर कोई खतरा हो, तो हमें उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।" सुनहरी ने हँसते हुए कहा, "बिल्कुल! और हमें कभी घमंड नहीं करना चाहिए। अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करना चाहिए।" नई जगह पर दोनों दोस्त खुशी-खुशी रहने लगे, लेकिन रूबी की याद उन्हें हमेशा सताती थी। (Machhli Ki Kahani, Friendship Moral Tale)

सीख (Moral of the Story)

बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने दोस्तों की सही सलाह को मानना चाहिए और अपने घमंड में नहीं रहना चाहिए। रूबी ने अपनी तेज़ी पर घमंड किया और नीलम की बात नहीं मानी, जिसके कारण वह मुसीबत में फँस गई। हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए और खतरे को हल्के में नहीं लेना चाहिए। सच्ची दोस्ती वही है जो हमें सही रास्ता दिखाए और हमें बचाए। (Lesson on Humility, Motivational Story for Kids)

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