प्रेरक कथा | तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन

इस कथा की शुरुआत एक गहरे संदेश के साथ होती है, जो हमें जीवन के मूल्यों की ओर ले जाती है। यह कहानी एक ऐसे दौर की है जहाँ हिंसा और अलगाव का बोलबाला है, और लोगों के बीच समझ और एकता की कमी दिखाई देती है।

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प्रेरक कथा | तोड़ना सरल, जोड़ना कठिन- इस कथा की शुरुआत एक गहरे संदेश के साथ होती है, जो हमें जीवन के मूल्यों की ओर ले जाती है। यह कहानी एक ऐसे दौर की है जहाँ हिंसा और अलगाव का बोलबाला है, और लोगों के बीच समझ और एकता की कमी दिखाई देती है। ऐसे में भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक शिक्षाएँ हमें इस अंधेरे से निकालने का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

एक कुख्यात डाकू था अंगुलिमाल। जो भी उसके इलाके से गुजरता, उसे वह मार डालता और उसकी अंगुलियों से माला बनाकर पहनता था। उसने प्रतिज्ञा की थी कि वह 100 लोगों की अंगुलियाँ एकत्र करेगा। उसकी संख्या 99 तक पहुँच चुकी थी।

एक दिन गौतम बुद्ध उसी रास्ते से गुजर रहे थे। अंगुलिमाल ने दूर से उन्हें देखा और सोचा, "आज 100वाँ शिकार मिल गया।" वह बुद्ध की ओर बढ़ा और बोला, "रे संन्यासी! तुझे अपनी जान की कोई चिंता नहीं? यह मेरा क्षेत्र है, अंगुलिमाल का। भाग जा, वरना तुझे मार दूँगा। तू अकेला और निहत्था है, फिर भी तेरा चेहरा देखकर मेरा मन विचलित हो रहा है। मैं किसी और दिन यह संख्या पूरी कर लूँगा।"

बुद्ध शांति से बोले, "अंगुलिमाल! हम अपने मार्ग पर चल रहे हैं। तुम्हारी कसम पूरी करनी है, तो कर लो।" यह सुनकर अंगुलिमाल हैरान रह गया। फिर बुद्ध ने पूछा, "अंगुलिमाल! बताओ, क्या तुम इस तलवार से इस वृक्ष की डाल काट सकते हो?"

अंगुलिमाल ने तुरंत अपनी तलवार उठाई और एक झटके में वृक्ष की डाल काट दी, फिर बोला, "यह तो मामूली बात है।" बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा, "अच्छा, अब इस कटी डाल को फिर से जोड़ सकते हो?" अंगुलिमाल चुप हो गया और बोला, "यह असंभव है।"

तब बुद्ध ने गहरी बात कही, "अंगुलिमाल! तोड़ना आसान है, लेकिन जोड़ना कठिन। हम जोड़ने का काम करते हैं, तोड़ने का नहीं। तुम जो कर रहे हो, वह तो कोई बच्चा भी कर सकता है।"

बुद्ध की ये बातें अंगुलिमाल के मन पर गहरी छाप छोड़ गईं। उसने अपनी तलवार और हथियार फेंक दिए और बुद्ध से दीक्षा माँगी। बुद्ध ने उसे "आ भिक्षु!" कहकर संन्यास दे दिया।

सीख

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हिंसा करना सरल हो सकता है, लेकिन किसी को दिल से जोड़ना और सृजन करना कठिन है। किसी वस्तु को तोड़ना आसान है, पर उसे बनाना जटिल। जो सृजन करता है, वही महान है, और जो विनाश करता है, वह अंधेरे का साथी है।

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