जानिये पाँचवी - 75, कलवरी श्रेणी वागीर INS पनडुब्बी की ताकत

समुन्द्र के अंदर ही दुश्मनों का काम तमाम करने के लिए भारतीय नौसेना के बेड़े में है शक्तिशाली अटैक सबमरीन INS वागीर जिसकी इन दिनों बड़ी चर्चा है। यह पाँचवी - 75, कलवरी श्रेणी वागीर INS की पनडुब्बी, यार्ड 11879 प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाया गया है। ये भारतीय नौसेना के लिए एक और सशक्त माध्यम है दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने का। यह बेहद आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग प्रणालियों से लैस है। यह इतनी शक्तीशाली और खतरनाक अटैक- सबमरीन है जो पानी के अंदर ही दुश्मनों का सफ़ाया करने में सक्षम है।

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Know the strength of the fifth - 75, Kalvari class Vagir submarine

समुन्द्र के अंदर ही दुश्मनों का काम तमाम करने के लिए भारतीय नौसेना के बेड़े में है शक्तिशाली अटैक सबमरीन INS वागीर जिसकी इन दिनों बड़ी चर्चा है। यह पाँचवी - 75, कलवरी श्रेणी वागीर INS की पनडुब्बी, यार्ड 11879 प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाया गया है। ये भारतीय नौसेना के लिए एक और सशक्त माध्यम है दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने का। यह बेहद आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग प्रणालियों से लैस है। यह इतनी शक्तीशाली और खतरनाक अटैक- सबमरीन है जो पानी के अंदर ही दुश्मनों का सफ़ाया करने में सक्षम है।

प्रोजेक्ट - 75 के तहत स्कॉर्पीन डिजाईन वाली छह पनडुब्बियों में से एक आईएनएस वागीर का निर्माण मेसर्स नेवल ग्रुप फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड में किया गया है। भारतीय नौसेना के पास अब लगातार समुद्री शक्ति बढ़ती जा रही है। पिछले साल भारतीय नौसेना को शक्तीशाली और दुश्मनों के लिए भयंकर युद्धपोत आईएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य मिल चुका है। इसके अलावा भारतीय नेवी के पास आईएनएस उदयगिरी परमाणु पनडुब्बी की शक्ति भी है। अब आईएनएस वागीर के आ जाने से भारत की सुरक्षा में और अधिक मजबूती आ गई है। अब आइए जानते हैं कि इसकी खासियत क्या क्या है। आईएनएस वागीर कलवारी क्लास डीज़ल इलेक्ट्रिक सब मरीन है। इसकी लंबाई 221 फिट, चौड़ाई 20 फिट और ऊंचाई 40 फिट है।

इसमें 4 एमटीयू 12V 396 SE84 डीज़ल ईंजन लगे हैं और 360 बैट्री सेल्स भी हैं। इसकी रफ्तार पानी के सतह में लगभग बीस किलोमीटर प्रति घंटा और पानी के नीचे सैंतीस किलोमीटर प्रति घन्टा हो सकती है। यह पानी के अंदर लगातार पचास दिनों तक रह सकती है 350 फिट तक समुन्दर की गहराई में जा सकती है। इसके साथ ही यह पनडुब्बी पंद्रह से तीस हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर सकती है। इसके द्वारा अट्ठारह एसयूटी टोरपिड़ोज तथा एसएम 39 एक्सोसेट एंटीशिप मिसाइल लॉन्च किया जा सकता है।

यह एंटी तारपीडो काउंटर मेजर सिस्टम से भी सुसज्जित है। यह इतनी शक्तिशाली है कि यह पानी की गहराई में एक साथ तीस समुद्री सुरंग भी बिछा सकती है। यह सिर्फ दुश्मनों पर भयंकर अटैक ही नहीं करती बल्कि उनकी जासूसी भी कर सकती है, आईएनएस वागीर ढ़ेर सारे मिशनों को पूरा कर सकती है जैसे सतह विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, समुद्री बारूदी सुरंग बिछाना खुफिया जानकारी लाना, क्षेत्र की निगरानी करना और ऑपरेशन के समय हर परिस्थिति में संचालित होकर दुश्मनों पर टूट पड़ना। भारतीय यार्ड में इन पनडुब्बियों का निर्माण आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और सशक्त कदम है।

★सुलेना मजुमदार अरोरा★