अमन का आलस -कहानी हरीशचंद्र पांडे हल्द्वानी

अमन का आलस: अमन आजकल बहुत ही आलसी हो गया था ।इससे पहले वो कभी भी ऐसा नही करता था ।अमन की शिक्षिका ने उसे एक दो सप्ताह तक गौर से देखा ।वो हैरान ही रह गई थी। अमन अब पांचवी कक्षा में पढता था और वो अमन को चार साल से ही इसी स्कूल में लगातार देख रही थी। कोई खेल की प्रतियोगिता होती तो अमन सबसे पहले भाग लेता ।इतना ही नही खेल मैदान में सबको पानी भी पिलाता था ।अमन हर तरह की क्विज मे भी शामिल होता था ।चाहे वो विज्ञान की क्विज हो या समाज विज्ञान की क्विज। वाद विवाद में भी अमन पूरी तैयारी के साथ आता था ।

By Lotpot
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Laziness of peace - story Harishchandra Pandey Haldwani

अमन का आलस: अमन आजकल बहुत ही आलसी हो गया था ।इससे पहले वो कभी भी ऐसा नही करता था ।अमन की शिक्षिका ने उसे एक दो सप्ताह तक गौर से देखा ।वो हैरान ही रह गई थी। अमन अब पांचवी कक्षा में पढता था और वो अमन को चार साल से ही इसी स्कूल में लगातार देख रही थी। कोई खेल की प्रतियोगिता होती तो अमन सबसे पहले भाग लेता ।इतना ही नही खेल मैदान में सबको पानी भी पिलाता था ।अमन हर तरह की क्विज मे भी शामिल होता था ।चाहे वो विज्ञान की क्विज हो या समाज विज्ञान की क्विज। वाद विवाद में भी अमन पूरी तैयारी के साथ आता था ।

मगर इन दिनों अमन को यह क्या हो गया है। एक बार समय मिला तो वो अमन से बोली कि अमन आप बीमार हो क्या। नहीं तो कहकर अमन ने टाल दिया ।यह तो बहुत ही अच्छा बच्चा है आखिर क्या कारण हो सकता है। वो लगातार सोचती रही। अब रविवार आया तो मैम सुबह ही अमन के घर पर उसके माता पिता से मिलकर उनसे अमन के बारे मे चर्चा करने निकल पडी। वो जैसे ही अमन के घर पहुंची ।

तो देखती क्या है कि अमन तो कान पकड कर खडा है और उसके मम्मी पापा उसका अधूरा होमवर्क उसके रूखे बालो को लेकर उसे खूब डांट रहे थे ।अरे,, अरे,, इस पूरे सप्ताह खेलकूद ही होते रहे है ना अमन के अलावा सारी कक्षा का होमवर्क अधूरा है ।" जब अध्यापिका ने कहा तो अमन के माता-पिता अपना गुस्स शांत करने की जगह उसके बालों को लेकर चीखने लगे ।अरे,, अरे,, आपको तो पता ही है कि मैदान मे रहने से ये बाल ऐसे हो गए हैं। आप अमन को इस तरह से मत डांटिये।"

Laziness of peace - story Harishchandra Pandey Haldwani

जब अधयापिका ने जोर देकर कहा तो वे खामोश हो गये ।आजकल आप अमन को देख रही है ना ये कितना आलसी और लापरवाह होता जा रहा है ।यही तो मै आपसे पूछना चाहती हूँ। और मैने यह देख लिया कि इसका कारण आप दोनों की बेवजह फटकार है ।अभी अभी मैंने यह साफ तौर पर देख लिया कि आप दोनो तो अमन को अपने सख्त व्यवहार से आलसी और लापरवाह बना रहे है ।मगर ,मगर क्या हमने यह सुना था कि माता पिता को बच्चे की हर हरकत पर नजर रखनी चाहिए। तो आप कहाँ रख रहे है ।

मतलब यह कि आपने देखा कि वो खेलकूद के दौरान सबको नींबू का रस पिला रहा था ।उसने अपनी हर कापी पर खुद ही जिल्द पहनाई है । उसने बस की जगह पैदल स्कूल जाना पसंद किया है ।क्योकि इससे ताजी हवा मिलती है। बारह मिनट का पैदल का सफर होता है। अमन कितना सुरीला गाता है। और,, और,, टीचर आगे और कहती कि माता पिता ने अमन को गले लगा लिया । अमन हम बहुत कठोर हो रहे थे। अब हम समझ गये कि गलती हमारी ही थी ।अमन आज माता पिता की बाहों में खुलकर हंस रहा था ।