रामकृष्ण वी. होसुर: एक प्रेरणादायक वैज्ञानिक की कहानी

बच्चों, आज हम एक बहुत खास वैज्ञानिक की बात करेंगे, जिनका नाम है रामकृष्ण वी. होसुर! वे भारत के एक बड़े वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने साइंस की दुनिया में बहुत नाम कमाया। उनका जन्म 16 मई 1953 को कर्नाटक में हुआ था, और आज उनकी जन्मतिथि है

New Update
Ramakrishna V. Hosur -Story of an inspirational scientist

Ramakrishna V. Hosur -Story of an inspirational scientist

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रामकृष्ण वी. होसुर कौन हैं? (Who is Ramakrishna V. Hosur?)

बच्चों, आज हम एक बहुत खास वैज्ञानिक की बात करेंगे, जिनका नाम है रामकृष्ण वी. होसुर! वे भारत के एक बड़े वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने साइंस की दुनिया में बहुत नाम कमाया। उनका जन्म 16 मई 1953 को कर्नाटक में हुआ था, और आज उनकी जन्मतिथि है—16 मई 2025! रामकृष्ण अंकल को साइंस में उनके शानदार काम के लिए 2014 में भारत सरकार ने "पद्म श्री" पुरस्कार से सम्मानित किया, जो भारत का चौथा सबसे बड़ा सम्मान है। (Ramakrishna V. Hosur Biography, Indian Scientist for Kids)

उनकी पढ़ाई और शुरुआत (His Education and Early Life)

रामकृष्ण अंकल ने अपनी स्कूल की पढ़ाई कर्नाटक में शुरू की। उन्होंने 1971 में कर्नाटक यूनिवर्सिटी से साइंस में डिग्री ली और पूरे विश्वविद्यालय में 5वें नंबर पर आए। फिर उन्होंने IIT मुंबई से 1973 में केमिस्ट्री में मास्टर्स किया, जहाँ वे तीसरे नंबर पर थे। इसके बाद, उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) से 1978 में PhD पूरी की। वे बहुत मेहनती थे और हमेशा कुछ नया सीखना चाहते थे। (Ramakrishna V. Hosur Education, TIFR Scientist)

साइंस में उनका काम (His Work in Science)

रामकृष्ण अंकल को "बायोफिजिकल साइंस" में बहुत बड़ा नाम है। यह साइंस का एक हिस्सा है, जिसमें हम यह समझते हैं कि हमारा शरीर कैसे काम करता है। वे खास तौर पर "न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस" (NMR) नाम की तकनीक पर काम करते हैं। यह तकनीक शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने में मदद करती है, जैसे MRI मशीनें जो डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं। उनके काम से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली कि प्रोटीन और DNA कैसे काम करते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत ज़रूरी हैं। (Biophysical Science for Kids, NMR Explained)

1 Ramakrishna V. Hosur -Story of an inspirational scientist

उनके करियर की कहानी (His Career Journey)

रामकृष्ण अंकल ने 1978 में TIFR में एक रिसर्चर के तौर पर काम शुरू किया। फिर वे 1980 में TIFR फेलो बने और 1996 में प्रोफेसर। 2003 से वे TIFR में सीनियर प्रोफेसर हैं। उन्होंने 1988 में न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में भी काम किया। वे मुंबई यूनिवर्सिटी और डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी सेंटर में डायरेक्टर भी रहे। उनके काम ने साइंस को आसान और बेहतर बनाया। (Ramakrishna V. Hosur Career, TIFR Professor)

पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honors)

रामकृष्ण अंकल को उनके शानदार काम के लिए कई पुरस्कार मिले। 1992 में उन्हें बी. एम. बिरला अवॉर्ड, 2007 में जे. सी. बोस नेशनल फेलोशिप, और 2009 में जी. एन. रामचंद्रन गोल्ड मेडल मिला। 2014 में उन्हें पद्म श्री मिला, जो बहुत बड़ा सम्मान है। वे इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज़ और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ के फेलो भी हैं। (Ramakrishna V. Hosur Awards, Padma Shri 2014)

उनके शौक और परिवार (His Hobbies and Family)

रामकृष्ण अंकल को साइंस के अलावा संस्कृत बहुत पसंद है। वे पुराने दार्शनिकों की किताबें पढ़ते हैं। वे मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते हैं और उनके दो बच्चे हैं। वे बच्चों को पढ़ाना भी पसंद करते हैं और हमेशा उन्हें प्रेरणा देते हैं कि वे मेहनत करें और सपने देखें। (Ramakrishna V. Hosur Family, Hobbies for Kids)

बच्चों के लिए सीख (Lesson for Kids)

बच्चों, रामकृष्ण अंकल की कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और लगन से हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं। उन्होंने छोटे से शहर से शुरू करके साइंस की दुनिया में बड़ा नाम कमाया। हमें भी अपने सपनों के लिए मेहनत करनी चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए। साइंस से हमें दुनिया को बेहतर बनाने में मदद मिलती है, और तुम भी एक दिन वैज्ञानिक बन सकते हो! (Inspirational Story for Kids, Science Motivation)

यह भी जानें:-

उल्कापिंड क्या होते हैं?

Fun Facts: पेरू का ऐतिहासिक अभयारण्य माचू पिच्चू

Fun Facts: 40 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं हिरण

Fun Facts: 5600 से अधिक प्रजातियाँ हैं छिपकलियों की