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Tops Indian Chess Player -भारत के टॉप शतरंज खिलाड़ी: - यह लेख भारत के शीर्ष शतरंज खिलाड़ियों के सफर, उनकी उपलब्धियों और भारतीय शतरंज को मिले सम्मान की कहानी को बयां करता है। विश्वनाथन आनंद से लेकर गुकेश डी और प्रगनानंदा तक, इन सभी खिलाड़ियों ने भारत को गर्व महसूस कराया है।
विश्वनाथन आनंद
भारत के पूर्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद का जन्म 11 दिसंबर, 1969 को भारत के तमिलनाडु के मयिलादुथुराई में हुआ था. अपने करियर की शुरुआत में आनंद ने 1995 में क्लासिकल चैंपियनशिप के लिए प्रतिस्पर्धा की और 2000-2001 तक FIDE चैंपियन रहे. आनंद ने 1988 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर के तौर पर इतिहास रचा था. वह पांच बार विश्व शतरंज चैंपियन रह चुके हैं. साल 2022 में उन्हें FIDE का उपाध्यक्ष चुना गया था. साथ ही आनंद को भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है.
गुकेश डी
गुकेश का जन्म 19 मई 2006 को चेन्नई , तमिलनाडु में हुआ था. वह साल 2015 में अंडर-9 लेवल पर एशियन स्कूल शतरंज चैम्पियनशिप जीतने के बाद सुर्खियों में आए थे. गुकेश की पहली बड़ी जीत साल 2018 में सामने आई थी, जब उन्होंने एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में 5 पदक अपने नाम किए थे. जनवरी 2019 में गुकेश ग्रैंडमास्टर बने, तब उनकी उम्र 12 साल, 7 महीने और 17 दिन थी. वे एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता भी हैं. जून 2021 में, उन्होंने जूलियस बेयर चैलेंजर्स शतरंज टूर, गेलफैंड चैलेंज जीता था. वर्तमान में ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ते हुए 17-वर्षीय ग्रैंड मास्टर गुकेश डी भारत के नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं. वर्तमान में गुकेश की क्लासिक चेस की लाइव रेटिंग 2744.9 है जबकि विश्वनाथन आनंद की रेटिंग 2754.0 है.
विदित गुजराती
विदित गुजराती का जन्म 24 अक्टूबर 1994 को नासिक में हुआ था. विदित ने 2008 में चेन्नई में वेलम्मल 45 वीं नेशनल ए चेस चैंपियनशिप में 13 में से 7 अंक हासिल करके इंटरनेशनल मास्टर (14) का खिताब हासिल किया. 2008 में, उन्होंने ओपन U14 वर्ग में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप जीती थी, ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय हैं. इसके बाद उन्होंने अंडर-14 विश्व चैंपियनशिप, 2018 टाटा स्टील चैलेंजर्स और 2019 बील टूर्नामेंट अपने नाम किया. विदित मौजूदा समय में भारत के नंबर 3 रैंक के खिलाड़ी हैं.
पेंटाला हरिकृष्णा
पेंटाला हरिकृष्णा का जन्म 1986 में बंगाल की खाड़ी से 64 किलोमीटर उत्तर में स्थित गुंटूर शहर में हुआ था. हरिकृष्ण ने 2000 में इस्तांबुल, तुर्की में शतरंजओलंपियाड में भारत को तीसरा स्थान दिलाया था, तब वह सिर्फ़ 14 साल के थे. साल 2000 में ही हरिकृष्णा ने अपना आईएम खिताब जीता था. वह 12 सितंबर 2001 को भारत से सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने, जो अब गुकेश डी के पास है. इसके अलावा उन्होंने 2001 में कॉमनवेल्थ चैंपियन, 2004 में विश्व जूनियर चैंपियन और 2020 में विश्व टीम शतरंज चैंपियनशिप में टीम के साथ कांस्य पदक जीता. वहीं साल 2011 में ही वह एशियाई व्यक्तिगत चैंपियन रहे. इसके बाद हरिकृष्णा ने 2012 में टाटा स्टील समूह बी और 2013 में बील मास्टर्स टूर्नामेंट ओपन इवेंट जीता था. हरिकृष्णा को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
आर प्रगनानंदा-वैशाली
आर प्रगनानंदा का जन्म 10 अगस्त, 2005 को हुआ था. 2013में उन्होंने 7 साल की उम्र में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-8 जीती थी. वहीं 2 साल बाद उन्होंने अंडर-10 का खिताब अपने नाम किया था. साल 2016 में वह सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे. उन्होंने ये उपलब्धि 10 साल की उम्र में हासिल कर ली थी. वे और उनकी बहन वैशाली, जीएम खिताब पाने वाले पहले भाई-बहन हैं. नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में उन्होंने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को हराया था. उन्होंने एक ही टूर्नामेंट में वर्ल्ड नंबर-1 और वर्ल्ड नंबर-2 को हराया था. वर्तमान में वह भारत के 5 टॉप चेस प्लेयर में शामिल है. वहीं, आर प्रगनानंदा को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ द्वारा दुनिया में 12वां स्थान दिया गया है.