/lotpot/media/post_banners/0xILSfCOgSuWhGDEoekL.jpg)
विश्व के 52 वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधान से पता चला है कि आज की स्थिति में दुनिया भर के रेपटाइल्स का जीवन खतरे में है। रेपटाइल्स अर्थात सरीसृप। सरीसृप वो ठंडे खून वाले जीव है जो रेंग कर चलते हैं जैसे साँप, मगरमच्छ, छिपकली, गिरगिट, गोह, थूथन, घडियाल, कछुआ, ऑलिगोडॉन, अजगर, मेंढक आदि।
जिस तरह से करोडों वर्ष पहले डायनासोर दुनिया से लुप्त हो गए थे उसी तरह, उसी प्रजाति के तहत आने वाले जीवों में से बहुत सारे सरीसृप, अट्ठारह सौ प्रजाति (लगभग वन फिफ्त) आने वाले समय में विलुप्त हो जाएंगे और जिस तरह से आज हम डायनासोर को सिर्फ फ़िल्मों में और चित्रों में देखते हैं वैसे ही इन सरीसृपों को भी फ़िल्मों तथा चित्रों में देखेंगे।
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इंसानो द्वारा लगातार जंगलों की कटाई और नदी नालों, तालाबों की भराई और उनका शिकार होते रहने से वहां रहने वाले ये सरीसृप मरते जा रहे है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि अब इस समस्या का हल निकालने के लिए वैज्ञानिकों के दल ने सरीसृपों के बचाव को लेकर एक व्यापक मुहिम शुरू कर दी है। इस स्टडी के एक वैज्ञानिक ब्रूस यंग ने बताया कि हमारे पास अब सारे टूल्स आ गए हैं और हम प्राकृतिक क्षेत्रों और रेन फॉरेस्ट को जीवित करने में लग गए हैं। इसके साथ ही संरक्षित क्षेत्रों का निर्माण, कैप्टिव ब्रीडिंग, पुनरुत्पादन, संरक्षण कानून और जन जागरूकता में वृद्धि के द्वारा भी विलुप्त होने जा रही सरीसृपों के वंश को बचाने की कोशिश की जा रही है।
वैसे इस विषय को लेकर कुछ वर्ष पहले सौ देशों के वैज्ञानिक प्रतिनिधि कुनमिंग चीन में एकत्रित हुए थे और हमारे प्लेनेट में रहने वाले विभिन्न प्रकार के विलुप्त होने वाली प्रजाति की रक्षा करने और पृथ्वी की बायो डाइवर्सिटी को दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाने का कार्यक्रम भी बनाया था।
दो वर्ष पहले ऑस्ट्रेलिया के एक ग्रुप, जो इन विलुप्त होते जीवों की सुरक्षा पर काम कर रहे हैं ने विश्व के सबसे बड़े कैट प्रूफ बाड़ तैयार किया ताकि वहां कोई किसी प्रकार का शिकार ना कर पाए, चाहे वो जंगली हिंसक जानवरों द्वारा इन दुर्लभ प्रजातियों का शिकार हो या इंसानों द्वारा किया जाने वाला शिकार हो। इन तरीकों से विश्व के विलुप्तप्राय प्रजातियाँ को बचाए जाने की प्रक्रिया अब जोरों पर है।
-सुलेना मजुमदार अरोरा