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सचिन तेंदुलकर पूरे पचास वर्ष के हो गए, यह वो क्रिकेटर हैं जिन्होंने विश्व के लाखों लोगों का दिल जीता है। उन्होंने अपने खेल करियर में कई ऐसी आश्चर्यजनक उपलब्धियां हासिल की हैं जो अब तक कोई भी क्रिकेटर नहीं कर पाया है। सचिन भारत की क्रिकेट टीम की रीढ़ और आत्मा की तरह हैं तथा उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। वे सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं।
सचिन तेंदुलकर ने बहुत कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। 15 नवंबर, 1989 को जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कराची में हुनर आजमाया तब वह केवल 16 वर्ष और 205 दिन के थे। इसने उन्हें टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पांचवां सबसे युवा खिलाड़ी बना दिया।
सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को दादर, बॉम्बे में हुआ था। उनकी माता रजनी और पिता रमेश महाराष्ट्र से थे। रमेश एक प्रसिद्ध मराठी कवि और लेखक थे और रजनी बीमा उद्योग में काम करती थी, दोनों को संगीत से बहुत लगाव था और उनका प्रिय संगीतकार सचिन देव बर्मन थे इसलिए उन्होने अपने बेटे का नाम भी सचिन रखा।
जब सचिन तेंदुलकर बच्चे थे, तब उन्होंने अपने कोच रमाकांत आचरेकर के साथ शिवाजी पार्क में सुबह शाम क्रिकेट का अभ्यास करना शुरू किया था। अक्सर आचरेकर स्टंप्स के ऊपर एक रुपये का सिक्का रख देते थे और बच्चों से कहते कि तेंदुलकर को जो आउट करेगा उसे सिक्का मिलेगा। यदि तेंदुलकर आउट नहीं होते, तो सिक्का तेंदुलकर को मिल जाता था । इस तरह सचिन ने 13 सिक्के जीते थे जिसे आज भी सचिन ने सहेज के रखा। बचपन में सचिन को क्रिकेट से इतना प्यार था कि वह अपने क्रिकेट गियर के साथ सोते थे!
जब सचिन तेंदुलकर मात्र 19 साल के थे, तब वे यॉर्कशायर के लिए खेलने वाले दूसरे देश के पहले खिलाड़ी बने।
सचिन ने 1992 वर्ल्ड कप में महज 19 साल की छोटी सी उम्र में खेला था।
क्रिकेट के खेल में सचिन तेंदुलकर अपने रिकॉर्डस और आंकड़ों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए हैं। सचिन ने 200 टेस्ट मैच खेले और 15,921 रन बनाए, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी खिलाड़ी द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन हैं।
सचिन अपने विनम्र और प्रेम से भरे व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाते हैं।
क्रिकेट में उनकी अद्भुत उपलब्धियों के अलावा, सचिन के बारे में कई ऐसी बातें हैं जो कम ही लोग जानते हैं।
सचिन वो प्रथम क्रिकेट खिलाड़ी हैं जिन्हें क्रिकेट मैच के बाद उनके साथी खिलाड़ी ने कंधों पर उठाया था। इस परंपरा का पालन तब से कई टीमों ने किया है।
सचिन तरह तरह की पुरानी घड़ियों के शौकीन हैं और उनके पास 200 से अधिक घड़ियों का संग्रह है। इसके अलावा सचिन को संगीत सुनना, कोई भी स्पोर्ट्स देखना, परफ्यूम इकट्ठा करना, किसी भी ऐसी चीज की मरम्मत करना,
जिसकी मरम्मत की जरूरत हो और तरह तरह के व्यंजन बनाना पसंद है। वे ज़ायकेदार बैंगन का भर्ता बना सकते हैं। उनके पसंदीदा सिंगर लता मंगेशकर और किशोर कुमार हैं। उनका पसंदीदा रंग नीला है।
सचिन को शाकाहारी भोजन और सी फूड पसंद है। उन्हे महाराष्ट्रीयन व्यंजन भी खूब पसंद है विशेषकर अपनी माता और पत्नी के हाथों से बने हुए।
सचिन टेबल टेनिस, बैडमिंटन और टेनिस के बहुत शौकीन हैं।
सचिन को चित्रकारी का शौक भी है।
भले ही सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करते समय दाएं हाथ इस्तमाल करते हैं, लेकिन वास्तव में वे लिखते समय बाएं हाथ के हैं।
जब सचिन छोटे थे, तब वे भारत और जिम्बाब्वे के बीच विश्व कप मैच के दौरान बॉल बॉय थे। तब उन्हे कहाँ पता था कि भविष्य में वे क्रिकेट के दिग्गज बनेंगे।
सचिन तेंदुलकर को कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें 1994 में अर्जुन पुरस्कार, 1997-98 में राजीव गांधी खेल रत्न, 1999 में पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण शामिल है, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। उन्हें 2010 में ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी नॉमिनेट किया गया था और कई ICC वर्ल्ड टेस्ट और ODI XI टीमों में शामिल किया गया है। 2014 में, तेंदुलकर को भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2020 में लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स, स्पोर्टिंग मोमेंट ऑफ द ईयर (2000-2020) का विजेता भी नामित किया गया था।
2004 में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच के दौरान, सचिन ने एक ओवर के लिए अपने बाएं हाथ से गेंदबाजी करके सबको चौंका दिया था। उन्होंने एक विकेट भी लिया था।
2013 में, सचिन तेंदुलकर ने न्यूयॉर्क सिटी मैराथन को केवल पांच घंटे में 26.2 मील दौड़कर पूरा किया।
सचिन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित भी किया गया था।
सचिन की पसंदीदा मिठाई रसगुल्ला है, उन्हें रसगुल्ला इतना पसंद है कि वे दिनभर इसे खा सकते हैं।
★सुलेना मजुमदार अरोरा ★