Moral Story : बगुला और नीली मछली Moral Story बगुला और नीली मछली : एक नदी के किनारे एक बरगद का पेड़ था। उस पेड़ में एक बगुला रहता था। वह अक्सर नदी के किनारे मछली और केकड़े का शिकार करता था। एक दिन उसने देखा कि एक सुंदर सी नीली मछली पानी में तैर रही है। बगुले को वह सुंदर मछली बहुत भा गई। उसने मछली से कहा, "नीली मछली, नीली मछली, क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?" By Lotpot 14 Jan 2021 | Updated On 14 Jan 2021 12:23 IST in Stories Moral Stories New Update Moral Story बगुला और नीली मछली : एक नदी के किनारे एक बरगद का पेड़ था। उस पेड़ में एक बगुला रहता था। वह अक्सर नदी के किनारे मछली और केकड़े का शिकार करता था। एक दिन उसने देखा कि एक सुंदर सी नीली मछली पानी में तैर रही है। बगुले को वह सुंदर मछली बहुत भा गई। उसने मछली से कहा, "नीली मछली, नीली मछली, क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?" नीली मछली ने डरते हुए जवाब दिया, "लेकिन तुम तो मुझे खा जाओगे, जैसे तुम दूसरी मछलियों को खाते हो।" बगुले ने कहा, "नहीं, नहीं, तुम तो बहुत सुंदर मछली हो, तुम मेरी दोस्त बन जाओ तो मैं कसम खाता हूं कि तुम्हे कभी नहीं खाऊंगा।" नीली मछली खुश हो गई और बगुले की बात मान गई। अब रोज बगुला पानी में उतरकर नीली मछली के संग खूब खेलता और दोनों घंटों गप्पे लड़ाते और आनंद मनाते थे। उनकी दोस्ती की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी। बगुला जब भी नीली मछली को पुकारता तो नीली मछली झट से नदी किनारे आ जाती थी। लेकिन फिर ऐसा हुआ कि एक दिन बगुले की तबीयत खराब हो गई, वो शिकार नहीं कर पा रहा था। भूख के मारे वह बेहाल था। किसी तरह बगुला नदी में उतरा और नीली मछली को पुकारने लगा। नीली मछली बगुले की पुकार सुन कर जैसे ही उसके नज़दीक आई, बगुला ने झपट्टा मारकर उसे चोंच में दबाना चाहा। लेकिन नीली मछली बेहद फुर्ती के साथ बगुले की पकड़ से छूट गई और भागती हुई बोली, "अब मैं कभी तुम्हारे पास नहीं आऊंगी, मेरी तुम्हारी दोस्ती खत्म।" और पढ़िए : Moral Story : राशि की भूख हड़ताल यह सुनकर बगुले को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने नीली मछली से माफी मांगते हुए कहा, "माफ कर दो मछली रानी, मैं भूखा था इसलिए मुझ से गलती हो गई। अब मैं कभी ऐसी गलती नहीं करूंगा। तुम मेरे पास लौट आओ।" लेकिन नीली मछली फिर कभी बगुले के पास नहीं आई। बगुला रोज़ नदी किनारे नीली मछली को पुकारता रहा। यह देखकर नदी की अन्य मछलियों ने नीली मछली से पूछा कि बार बार माफी मांगने के बाद भी तुम बगुले को क्यों माफ नहीं कर देती और दोबारा उसकी दोस्त क्यों नहीं बन जाती? तब नीली मछली ने कहा, "मेरी मां ने मुझे जिंदगी में एक बहुत जरूरी सीख दी है, वो यह कि बुरा वक्त देखकर जिसकी नीयत बदल जाए और वो अपने दोस्तों को धोखा देने लगे तो उसपर फिर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। बगुला ने अपनी भूख मिटाने के लिए अपनी सबसे प्यारी दोस्त को भी धोखा दे दिया, इसलिए अब कभी मुझे उसपर विश्वास नहीं होगा।" तो बच्चों इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि बुरे वक्त से डरकर जो अपनी नीयत बदल डाले और दोस्तों को धोखा दे, उसपर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ Facebook Page #Hindi Kahani #Jungle Story #Bal kahani #Bachchon ki Kahania You May Also like Read the Next Article