सूरज और बादल की बातें: बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी
प्रेरणादायक कहानियाँ (motivational stories) बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाने का एक शानदार तरीका हैं। ऐसी कहानियाँ (motivational stories for kids) न केवल मनोरंजक होती हैं
प्रेरणादायक कहानियाँ (motivational stories) बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाने का एक शानदार तरीका हैं। ऐसी कहानियाँ (motivational stories for kids) न केवल मनोरंजक होती हैं
दीपू के कई मित्र थे। वह विद्यालय का सबसे प्रसिद्ध लड़का था। वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी सदैव आगे रहता था। वह कक्षा के सभी विधार्थियों से बड़े प्रेम से बात करता। उसकी बोली में रस घुलता था। उसे भी सभी बहुत प्यार और इज्ज़त देते थे।
आज की यह प्रेरणादायक कहानी (motivational story in Hindi) हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी नरक और स्वर्ग का फर्क किसी बड़ी चीज़ में नहीं, बल्कि हमारी सोच और व्यवहार में ही होता है।
चमकती सड़कों और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी के बीच, क्या किसी बच्चे के पास वक्त होता है दूसरों के लिए रुकने का? होता है... अगर उसका नाम आरव हो। यह कहानी है "सुनागर सिटी" की, और उस रहम दिल लड़के की जिसने दिखा दिया कि इंसानियत सिर्फ किताबों में नहीं
हम सभी जीवन में खुशी की तलाश में रहते हैं। कोई उसे खेल में पाता है, कोई जीत में, कोई अपनों के साथ बिताए लम्हों में, तो कोई सिर्फ मुस्कान बाँटकर ही खुश हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि असली खुशी कहाँ छुपी होती है?
जीवन में हार और जीत दोनों का अपना महत्व होता है। कभी-कभी हारने के बाद भी हमें ऐसी सीख मिलती है, जो आगे चलकर हमारी सबसे बड़ी ताकत बन जाती है। यह कहानी एक ऐसे स्कूल के लड़के की है,
दिल्ली के एक बड़े शहर में रहने वाली एक युवा लड़की नेहा की कहानी है जो अपनी माँ के आशीर्वाद से अपने सपनों को साकार करने की राह पर चल पड़ती है। नेहा एक साधारण परिवार से थी, लेकिन उसके सपने बहुत बड़े थे।
एक समय की बात है, भारत में एक गांव जिसका नाम "उदास" था, वह डल नदी के पास स्थित था। इस गांव में कोई भी हंसता नहीं था। यहां तक कि बच्चे भी कभी मुस्कुराते नहीं थे। वे केवल स्कूल जाते
आलस से दूर : परमहंस योगानंद जी के एक शिष्य थे, जो बेहद आलसी था। वे हर काम को टालते रहता और सोचता कि "कल कर लूंगा"। एक दिन, योगानंद जी ने उन्हें समझाया, "वत्स, आलस मनुष्य के लिए मृत्यु के समान है। इससे बचो, नहीं तो यह तुम्हारी आदत बन जाएगी!"