माइकल फैराडे और जादुई बिजली का खेल
माइकल फैराडे और जादुई बिजली का खेल : माइकल फैराडे ने एक बार अपने बिजली बनाने के प्रयोग को लोगों के सामने दिखाया। उन्होंने तांबे की कुंडली और चुंबक से बिजली बनाकर सबको हैरान कर दिया।
माइकल फैराडे और जादुई बिजली का खेल : माइकल फैराडे ने एक बार अपने बिजली बनाने के प्रयोग को लोगों के सामने दिखाया। उन्होंने तांबे की कुंडली और चुंबक से बिजली बनाकर सबको हैरान कर दिया।
"ज़िंदगी की चाह" कहानी में दो बीमार आदमियों को अस्पताल के एक कमरे में रखा गया। एक आदमी, जिसका बिस्तर खिड़की के पास था, उसे हर दोपहर एक घंटे बैठने की सलाह थी, जबकि दूसरा आदमी पूरा समय लेटा रहता था।
आम का पेड़ और लड़के की अनमोल दोस्ती - कई साल पहले, एक गाँव के पास एक विशाल आम का पेड़ था, जिसकी डालियाँ दूर-दूर तक फैली थीं। उसकी छाँव में ठंडक थी, और उसके आम इतने रसीले थे कि दूर-दूर से लोग उसे देखने आते थे।
हीरालाल के माता-पिता का देहांत बिजली गिरने से हो गया। ज़मींदार ने दया दिखाते हुए उसे आश्रय और भोजन दिया, लेकिन सभी घरेलू काम भी करवाए। कुछ वर्षों बाद, हीरालाल को खेत में भी काम करना पड़ा। साथी मजदूर के आलसी रवैये के बावजूद हीरालाल ने मेहनत जारी रखी।
एक बार की बात है। महर्षि रमण (Maharshi Ramana) अपने आश्रम में शांत और ध्यानमग्न बैठे थे। वहाँ पर फूलों की खुशबू और पत्तों की सरसराहट के बीच अध्यात्म की गूंज थी।
रानी चींटी (Rani the ant) बहुत दिनों से अपने परिवार के साथ सुख-शांति से रह रही थी। वह रोज़ाना अपने दोस्तों के साथ भोजन इकट्ठा करने जाती और खुशी-खुशी वापस घर लौटती। लेकिन एक दिन अचानक सब कुछ बदल गया।
लकड़ी का कटोरा- एक बूढ़ा कमज़ोर आदमी अपने बेटे, बहू और चार साल के पोते के साथ रहता था। उस बूढ़े आदमी की बीमारी और बुढ़ापे के कारण हाथ कांपते थे। उनकी नज़र भी कमज़ोर हो चुकी थी और वह लड़खड़ाकर चलते थे।