वर्ल्ड कप की ओर बढ़ते नीरज चौहान के कदम

कोविड महामारी ने उन्नीस वर्षीय नीरज चौहान (Neeraj Chauhan) को उसके सपने पूरे करने से रोका जरूर लेकिन उसके ज्जबे तो तोड़ नहीं पाया। बचपन से ही नीरज निशानेबाजी में माहिर था, वो अपने घर के करीब बने एक स्टेडियम में कई तीरंदाजों को निशानेबाजी करते देखा करता था

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Neeraj Chauhan's steps towards the World Cup

कोविड महामारी ने उन्नीस वर्षीय नीरज चौहान (Neeraj Chauhan) को उसके सपने पूरे करने से रोका जरूर लेकिन उसके ज्जबे तो तोड़ नहीं पाया। बचपन से ही नीरज निशानेबाजी में माहिर था, वो अपने घर के करीब बने एक स्टेडियम में कई तीरंदाजों को निशानेबाजी करते देखा करता था और उन्हें देखकर उसकी भी इच्छा होती थी कि वो भी तीरंदाज बने। लेकिन घर की माली हालत ठीक न होने और तीरंदाजी एक खर्चीला स्पोर्टस होने के कारण नीरज ठीक से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहा था। ना उसके पास सही जूते थे , ना औजार, ना सही कपड़े।

लेकिन फिर भी वो लगातार कोशिश और प्रैक्टिस करता रहा। उसका सपना था कि वो विश्व स्तर पर अपनी हुनर का प्रदर्शन करे, लेकीन इससे पहले की उसे उसके मेहनत का फल मिलता कोविड 19 ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया और नीरज के पिता अक्ष्यलाल की नौकरी छूट गई। घर चलाना मुश्किल हो गया। माता पिता और तीन भाई बहनों का परिवार मुसीबत में पड़ गया। तब उन्नीस साल के नीरज को आर्थिक मदद की जिम्मेदारी उठाने के लिए रास्ते के किनारे सब्जी बेचने का ठेला लगाना पड़ा। लेकिन उसने खिलाड़ी बनने का सपना देखना नहीं छोड़ा।

एक दिन, किसी ने उस प्रतिभाशाली खिलाड़ी का, सड़क पर सब्जी बेचते हुए वीडियो वायरल कर दिया और तब स्पोर्टस मिनिस्ट्री की नजर उसपर पड़ी और मिनिस्ट्री की तरफ से उसे और उसके भाई सुनील चौहान (जो खुद भी एक नैशनल लेवल बॉक्सर है) को पांच लाख की आर्थिक मदद दी गई जिससे नीरज ने फिर से तीरंदाजी की प्रैक्टिस शुरू कर दी। साथ ही नीरज ने एक जॉब करना भी शुरू किया। सोनीपत के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ट्रायल्स में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद उसका सपना जगा कि वो निशानेबाजी में वर्ल्ड कप, वर्ल्ड गेम्स और एशियन गेम्स में भारत की प्रतिनिधित्व करेगा।

आज नीरज बड़े धीरज के साथ वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहे हैं। नीरज कहतें हैं कि वे अपने देश और अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहते है। नीरज का कहना है, "इस देश ने मुझे जो दिया मै उसका प्रतिदान, मेडल जीतकर देना चाहता हूं।" जल्द ही नीरज अनटाल्या, तुर्की, शंघाई और पैरिस में होने वाले वर्ल्ड कप में भारत को रिपरेजेंट करने वाले है।