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स्क्वैश WC 2025: भारत ने रचा इतिहास, पहली बार जीता वर्ल्ड कप!
भारतीय स्क्वैश टीम ने रचा स्वर्णिम इतिहास: पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा, पीएम मोदी ने बताया 'राष्ट्र का गौरव' (विकिपीडिया लिंक सहित)
ऐतिहासिक जीत: चेन्नई में गूँजा भारत का जयघोष
चेन्नई के खेल मैदान में भारतीय स्क्वैश टीम ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो देश के खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। हाल ही में संपन्न हुए स्क्वैश वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मुकाबले में, भारत ने प्रबल दावेदार और टॉप सीड हांगकांग (चीन) की टीम को 3-0 से रौंदते हुए अपना पहला वर्ल्ड कप ख़िताब जीत लिया है। यह न केवल भारत के लिए, बल्कि समूचे एशिया महाद्वीप के लिए एक अभूतपूर्व क्षण है, क्योंकि भारत यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाला पहला एशियाई देश बन गया है।
पीएम मोदी की ख़ास बधाई: 'लगन और पक्के इरादे की मिसाल'
Congratulations to the Indian Squash Team for creating history and winning their first-ever World Cup title at SDAT Squash World Cup 2025!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2025
Joshna Chinnappa, Abhay Singh, Velavan Senthil Kumar and Anahat Singh have displayed tremendous dedication and determination. Their success… pic.twitter.com/hJNF3mPSXt
इस शानदार जीत पर देश के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, ने तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर आकर टीम को बधाई दी। उन्होंने अपनी पोस्ट में इस सफलता को 'राष्ट्रीय गौरव' का पल बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “एसडीएटी स्क्वैश वर्ल्ड कप 2025 में इतिहास रचने और पहली बार वर्ल्ड कप टाइटल जीतने के लिए भारतीय स्क्वैश टीम को दिल से बधाई! जोशना चिनप्पा, अभय सिंह, वेलवन सेंथिल कुमार और अनाहत सिंह ने जो ज़बरदस्त समर्पण (लगन) और अटूट संकल्प (पक्का इरादा) दिखाया है, वह काबिलेतारीफ है। उनकी यह शानदार सफलता पूरे राष्ट्र को गर्व से भर देती है। निश्चित रूप से, यह विजय हमारे युवाओं के बीच
फाइनल का रोमांच: अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का जलवा
चेन्नई के एक्सप्रेस एवेन्यू मॉल में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने शुरू से अंत तक दबदबा बनाए रखा और पूरे टूर्नामेंट में अपनी अजेय बढ़त को बरकरार रखा।
1. अनुभवी खिलाड़ी का पंच (जोशना चिनप्पा): भारत की अनुभवी खिलाड़ी जोशना चिनप्पा (39 वर्ष) ने अपनी बेहतरीन कोर्टक्राफ्ट (कोर्ट पर कुशलता) और अनुभव का इस्तेमाल करते हुए पहले मैच में का यी ली को 3-1 (7-3, 2-7, 7-5, 7-1) से मात दी। यह जीत भारत के लिए आत्मविश्वास की पहली खुराक थी।
2. अभय सिंह का क्लीन स्वीप: इसके बाद भारत के नंबर-1 पुरुष खिलाड़ी अभय सिंह कोर्ट पर उतरे और उन्होंने एलेक्स लाउ को सीधे सेटों में 3-0 (7-1, 7-4, 7-4) से हराकर टीम का स्कोर 2-0 कर दिया। इस जीत ने लगभग खिताब भारत के नाम कर दिया था।
3. युवा अनाहत का निर्णायक प्रदर्शन: 17 साल की सबसे युवा खिलाड़ी अनाहत सिंह ने निर्णायक मैच में शानदार परिपक्वता दिखाई। उन्होंने टोमाटो हो को 3-0 (7-2, 7-2, 7-5) से करारी शिकस्त देकर भारत की ऐतिहासिक जीत पर मुहर लगा दी। टीम के अहम सदस्य वेलवन सेंथिल कुमार को फाइनल में खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन उनका योगदान पूरे टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण रहा।
अजेय सफर: कांस्य से स्वर्ण तक
यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि 2023 में भारत को इसी प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कांस्य पदक (Bronze Medal) से संतोष करना पड़ा था। इस बार, टीम ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला नहीं गंवाया।
सफर के दौरान भारत ने ग्रुप स्टेज में स्विट्जरलैंड और ब्राजील को 4-0 से हराया, क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से और सेमीफाइनल में दो बार के डिफेंडिंग चैंपियन मिस्र जैसी मजबूत टीम को भी 3-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। पूरी टीम ने एकजुटता, ज़बरदस्त संकल्प और लाजवाब प्रदर्शन का परिचय दिया।
