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ISRO 24 दिसंबर को करेगा 6.5 टन वजनी BlueBird-6 सैटेलाइट का लॉन्च

ISRO 24 दिसंबर को अपने हेवी-लिफ्ट रॉकेट LVM3 के जरिए 6.5 टन वजनी BlueBird-6 कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगा। जानिए इस मिशन की पूरी जानकारी।

By Lotpot
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि वह 24 दिसंबर को एक और महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने जा रहा है। इस दिन ISRO, BlueBird Block-2 सैटेलाइट, जिसे BlueBird-6 के नाम से भी जाना जाता है, को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा। यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा।

BlueBird-6 को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजा जाएगा और इसके लिए ISRO अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 का उपयोग करेगा। यह सैटेलाइट अमेरिका की स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी AST SpaceMobile द्वारा विकसित किया गया है। खास बात यह है कि 6.5 टन वजन के साथ यह दुनिया के सबसे भारी वाणिज्यिक सैटेलाइट्स में शामिल है।

ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि LVM3M6 मिशन पूरी तरह तैयार है और BlueBird-6 को सुरक्षित रूप से कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सैटेलाइट 19 अक्टूबर को अमेरिका से भारत लाया गया था, जिसके बाद इसकी लॉन्च तैयारियां शुरू की गईं।

AST SpaceMobile के अनुसार, लॉन्च के बाद BlueBird-6 लो अर्थ ऑर्बिट में अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल फेज्ड-ऐरे कम्युनिकेशन सैटेलाइट होगा। इसका फैलाव करीब 2,400 वर्ग फीट होगा और यह पहले लॉन्च किए गए BlueBird-1 से BlueBird-5 की तुलना में 3.5 गुना बड़ा और 10 गुना अधिक डेटा क्षमता वाला होगा।

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यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग का एक और मजबूत उदाहरण है। इससे पहले ISRO ने जुलाई में NASA-ISRO सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जो पृथ्वी की सतह को कोहरे, बादलों और बर्फ के पार से स्कैन करने में सक्षम है।

BlueBird-6 के व्यावसायिक संचालन की जिम्मेदारी ISRO की कमर्शियल शाखा New Space India Limited (NSIL) के पास होगी। AST SpaceMobile पहले ही सितंबर 2024 में BlueBird-1 से BlueBird-5 तक पांच सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है और नेटवर्क विस्तार के लिए 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी कर चुकी है।

ISRO द्वारा विकसित LVM3 एक तीन-चरणीय लॉन्च वाहन है, जिसमें सॉलिड, लिक्विड और क्रायोजेनिक स्टेज शामिल हैं। इसकी ऊंचाई लगभग 43.5 मीटर है और यह 4,200 किलोग्राम तक का पेलोड जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट तक ले जाने में सक्षम है।

हाल ही में LVM3 ने भारत के सबसे भारी CMS-3 सैटेलाइट को भी सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया था। इसके अलावा यह रॉकेट चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और OneWeb मिशनों में भी अपनी क्षमता साबित कर चुका है।


Reference (Wikipedia – informational use)

ISRO से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए:
https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_Space_Research_Organisation

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