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Rashtrapati Bhavan: अंग्रेजों की तस्वीरें हटीं, अब दीवार पर चमकेंगे भारत के 21 'परमवीर'

राष्ट्रपति भवन में हुआ ऐतिहासिक बदलाव! 96 ब्रिटिश अफसरों की तस्वीरें हटाकर अब वहां 21 परमवीर चक्र विजेताओं को जगह दी गई है। जानिए 16 दिसंबर को ही क्यों हुआ ये फैसला।

By Lotpot
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राष्ट्रपति भवन से अंग्रेजों की विदाई! अब 96 ब्रिटिश अफसरों की जगह दिखेंगे भारत के असली 'हीरो'

क्या आपको पता है कि हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण भवन, यानी राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) में अभी भी अंग्रेजी हुकूमत की कुछ निशानियां मौजूद थीं? लेकिन अब एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव कर दिया गया है। 146 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि अब राष्ट्रपति भवन की दीवारों पर अंग्रेजों नहीं, बल्कि भारत के 21 परमवीर चक्र विजेताओं की तस्वीरें शान से लहलहा रही हैं.

आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक फैसले की पूरी कहानी।

1. क्या हुआ है राष्ट्रपति भवन में?

खबरों के मुताबिक, कल तक राष्ट्रपति भवन की एक खास फोटो गैलरी में 96 ब्रिटिश अफसरों की तस्वीरें लगी हुई थीं। ये वो अफसर थे जिन्होंने अंग्रेजों के जमाने में भारत पर राज किया था। लेकिन 16 दिसंबर को एक बड़ा फैसला लेते हुए इन सभी तस्वीरों को हटा दिया गया.

अब उनकी जगह पर भारत के 21 परमवीर चक्र (Param Vir Chakra) विजेताओं की तस्वीरें लगाई गई हैं। इस नई गैलरी का नाम 'परमवीर दीर्घा' रखा गया है, जिसका उद्घाटन खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया.

2. कौन हैं ये 'परमवीर'?

परमवीर चक्र भारत का सबसे बड़ा सैन्य सम्मान (Highest Military Honour) है। यह उन बहादुर सैनिकों को दिया जाता है जिन्होंने दुश्मन के सामने अपनी जान की परवाह किए बिना अद्भुत वीरता दिखाई हो। अब राष्ट्रपति भवन आने वाले लोग मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा और सूबेदार जोगिंदर सिंह जैसे असली हीरो को नमन कर सकेंगे.

3. 16 दिसंबर की तारीख ही क्यों चुनी गई?

यह बदलाव 16 दिसंबर को किया गया, जिसे हम विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाते हैं।

  • इसी दिन 1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह हराया था.

  • पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) किया था.

  • दुनिया के नक्शे पर एक नया देश 'बांग्लादेश' बना था.

इसलिए, गुलामी की निशानियों को हटाने के लिए 'विजय दिवस' से बेहतर दिन कोई और नहीं हो सकता था।

4. गुलामी की मानसिकता से आजादी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को "गुलामी की मानसिकता" (Slavery Mentality) से बाहर निकलने का एक बेहतरीन उदाहरण बताया है. यह बदलाव बताता है कि 'नया भारत' अब अपनी पहचान दूसरों से नहीं, बल्कि अपने खुद के नायकों (Heroes) से करेगा.


Quick Facts for Kids (बच्चों के लिए खास जानकारी):

  • पुरानी तस्वीरें: 96 ब्रिटिश अफसर

  • नई तस्वीरें: 21 परमवीर चक्र विजेता

  • नया नाम: परमवीर दीर्घा (Param Vir Dirgha)

  • अवसर: विजय दिवस (1971 युद्ध की जीत)


राष्ट्रपति भवन का यह कदम हमें सिखाता है कि हमें अपने इतिहास और अपने वीरों पर गर्व करना चाहिए। अंग्रेजों की तस्वीरें तो इतिहास की किताबों में भी मिल जाएंगी, लेकिन हमारे परमवीरों की जगह हमारे दिल और देश के सबसे ऊंचे स्थान पर होनी चाहिए।

जय हिन्द!

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