धीरज और प्रयास सफ़लता का मूल मंत्र है

कोशिश करते रहने से इंसान बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है, लेकिन बार बार कोशिश करते रहने के लिए धैर्य की जरूरत होती है। धैर्य रखने वालों के लिए कोई भी काम, या कोई भी उपलब्धि मुश्किल नहीं है। यह कहानी है युवा कार्टूनिस्ट वाल्ट डिज्नी की। एक ज़माने में जब वे अपनी बनाई कार्टून, पत्र पत्रिकाओं के संपादकों के पास प्रकाशन के लिए भेजते थे तब उनके कार्टून्स को सब बकवास करार देते हुए छापने से इंकार कर देते थे।

By Lotpot
New Update
Patience and effort is the key to success

सफ़लता का मूल मंत्र: कोशिश करते रहने से इंसान बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है, लेकिन बार बार कोशिश करते रहने के लिए धैर्य की जरूरत होती है। धैर्य रखने वालों के लिए कोई भी काम, या कोई भी उपलब्धि मुश्किल नहीं है। यह कहानी है युवा कार्टूनिस्ट वाल्ट डिज्नी की। एक ज़माने में जब वे अपनी बनाई कार्टून, पत्र पत्रिकाओं के संपादकों के पास प्रकाशन के लिए भेजते थे तब उनके कार्टून्स को सब बकवास करार देते हुए छापने से इंकार कर देते थे।

काफी समय तक वाल्ट ने दर दर की ठोकरें खाई, ना जाने कितने एडिटर्स के दरवाजे पर नाक रगड़े, लेकिन किसी ने उनकी प्रतिभा पर ध्यान नहीं दिया। इतना होने के बावजूद उन्होंने ना हिम्मत हारी ना धीरज छोड़ा। वे दिन रात मेहनत से कार्टून बनाते रहे । एक दिन एक चर्च के अधिकारी ने उन्हें कहा कि वो कुछ नया और दिलचस्प कार्टून बना कर दे।

अधिकारी ने वाल्ट को चर्च के पास ही बने एक कमरे में बैठकर कार्टून बनाने की इजाजत दे दी । वाल्ट ने देखा कि उस कमरे में कई चूहे भाग दौड़ कर रहे थे । उन चूहों में से एक नन्हे चूहे की उछल कूद देखकर अचानक उसके दिमाग में एक नया विचार आया और उन्होंने मिक्की माउस कैरेक्टर को लेकर कार्टून बनाना शुरू कर दिया। फिर क्या था, उनके बनाए ये कार्टून बच्चों को खूब पसंद आने लगा, धीरे धीरे वाल्ट के बनाये मिक्की माउस कैरेक्टर दुनिया में चर्चित और लोकप्रिय हो गई, कार्टून की दुनिया में मिक्की माउस सबका फेवरेट बन गया। यहीं से वाल्ट डिज़नी की पहचान बनने लगी और देखते देखते वे विश्व प्रसिद्ध फिल्म प्रोड्यूसर बन गए।

सिर्फ वाल्ट की कहानी ही नहीं, दुनिया में ऐसे कितने महान लोगों की प्रेरणादायक कहानियां हैं जिनकी कठोर परिश्रम और पर्वत की तरह अडिग धैर्य ने उन्हें बड़ी बड़ी उपलब्धियां दिलाई। महान आचार्यों के अनुसार धीरज रखने का मतलब है मन को स्थिर, और चित्त को शांत रखकर प्रत्येक कार्यो को मेहनत, लगन और आनन्द के साथ करना, अगर सफलता ना भी मिले तब भी धीरज के साथ उस कार्य को करते रहना चाहिए, आज नहीं तो कल, सफलता जरूर मिलेगी।

विश्वप्रसिद्ध भारतीय कार्टून कैरेक्टर मोटू पतलू, जो सुप्रसिध्द कॉमिक बाल पत्रिका 'लोटपोट' से निकल कर फिल्म, टीवी, एनीमेशन वर्ल्ड तथा दुनिया के हर बच्चे और बुजुर्गों की पहली पसंद बन गई है, वो भी मायापुरी और लोटपोट के संस्थापक, प्रकाशक, संपादक, श्री ए पी बजाज, श्री पी के बजाज, श्री अमन बजाज और मोटू पतलू कैरेक्टर के प्रत्येक एपिसोड के रचयिता श्री Harvinder Mankad के अथक प्रयास, सोच और धीरज का ही परिणाम है।