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इंसान में हिम्मत और मेहनत वो दो भावनाएं है जो उसे कामयाबी की मंजिल तक ले जाती है। सुप्रसिद्ध पायलेट ऋतु राठी (Pilot Ritu Rathi) भी उन्हीं में से एक है जो बचपन से ही बहादुर, मेहनती और कर्मठ रही और अपने अदम्य साहस तथा इच्छा शक्ति से पायलट भी बन गई। ऋतु ने पिछले दिनों स्टार प्लस चैनल के माध्यम से दुनिया को यह भी बताया कि कैसे बचपन में उसने अपने अंदर के डर को एक झटके से उतार फैंका और बुराई करने वाले को जबरदस्त सबक सिखाया।
बचपन की उस घटना के बारे में बताते हुए ऋतु ने कहा "यह उस वक्त की घटना है जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। मेरे क्लास का एक लड़का बड़ा बदतमीज था, वो अक्सर मेरे सामने वाले बेंच में आकर बैठ जाता था और लकड़ी के उस बेंच के पीछे वाली खुली जगह से हाथ निकाल कर मेरी टांगो को टच किया करता था। शुरू शुरू में डर और शर्म से मै चुप रही लेकिन इससे उसकी हिम्मत बढ़ती गई।
मै डर डर कर रात दिन यही सोचती रही कि कैसे इस समस्या को दूर करूं? और फिर मैंने उस लड़के को सबक सिखाने की ठान ली। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हुई और हम सब स्कूल से निकलने लगे तो मैंने सीढ़ियों से उतरते हुए उस लड़के को देखा और उसे आवाज दी, जैसे ही वो पलटा मैंने जोर से खींचकर उसे तीन चार थप्पड़ रसीद कर दिए और वहां से भाग गई। अगले दिन मैं बहुत घबराई हुई स्कूल गई कि ना जाने वो लड़का मुझसे क्या बदला लेगा लेकिन हुआ इसका उल्टा।
क्लास में उस लड़के ने मुझसे नज़रे मिलाने की भी हिम्मत नहीं की और जैसे मैं पहले उससे घबराती थी अब वो मुझसे घबराने लगा। उस दिन मुझे समझ आया कि कभी कभी हमें अपने जीवन की कुछ समस्याएं बहुत बड़ी और डरावनी लगती हैं लेकिन जब हम उन समस्याओं का निडरता से सामना करते हैं तो जीत हमारी होती है।इसलिए मैं हर पैरेंट और गार्डियन को अपने बेटे या बेटी को इस बारे में जागरूक करने की सलाह देती हूं। बच्चों से भी मै यह कहना चाहती हूं कि अपनी छोटी बड़ी हर समस्या को निडर होकर अपने पैरेंट्स और गार्जियन को जरूर बताना चाहिए।