मणिपुर की मनिंग को लेकर पॉसिटिव लहर आज ज्यादातर बच्चों के पास पढ़ने लिखने की बहुत सारी सुविधाएं है जैसे अच्छे स्कूल, स्कूल तक पहुँचने के लिए अच्छी सडकें, स्कूल बस, मोबाइल, लैपटॉप, कम्पुटर, महंगे ट्यूशन क्लासेस आदि, इसके बावजूद बहुत से बच्चे स्कूल जाकर पढ़ने लिखने में बोरियत महसूस करते हैं लेकिन पिछले दिनों एक नन्ही सी लड़की ने पढ़ाई के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण जाहिर करके नेट की दुनिया में एक पॉजीटिव लहर पैदा कर दी है। By Lotpot 09 Apr 2022 in Stories Positive News New Update आज ज्यादातर बच्चों के पास पढ़ने लिखने की बहुत सारी सुविधाएं है जैसे अच्छे स्कूल, स्कूल तक पहुँचने के लिए अच्छी सडकें, स्कूल बस, मोबाइल, लैपटॉप, कम्पुटर, महंगे ट्यूशन क्लासेस आदि, इसके बावजूद बहुत से बच्चे स्कूल जाकर पढ़ने लिखने में बोरियत महसूस करते हैं लेकिन पिछले दिनों एक नन्ही सी लड़की ने पढ़ाई के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण जाहिर करके नेट की दुनिया में एक पॉजीटिव लहर पैदा कर दी है। मणिपुर के छोटे से गांव तमेंगलॉन्ग में आठ दस साल की यह नन्ही लड़की मनिंग, अपने माता पिता और छोटे छोटे भाई बहन के साथ कच्चे मकान में रहती है। गरीबी के चलते माता पिता सुबह सुबह मेहनत मजदूरी करने निकल जाते हैं। पिता की तबीयत बिगड़ने के कारण माँ को डबल मेहनत करनी पड़ती है। बच्चों में सब से बड़ी मनिंग (मैनिंगसिनलियू) दाइलॉन्ग प्राईमरी स्कूल में पढ़ती है। उसे पढ़ने लिखने का बेहद शौक है लेकिन माता पिता के काम पर जाने से, मनिंग को भाई बहन की देखभाल के लिए स्कूल छोड़कर घर बैठने की नौबत आ गई। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अपने भाई बहन को साथ लेकर ही स्कूल जाने का मनिंग ने फैसला कर लिया। अगले दिन से मनिंग अपनी पीठ पर दो साल के भाई को बाँध कर अन्य छोटे भाई बहन को सँभाले, ऊबड़, खाबड़, चढ़ाई वाले पहाड़ी रास्तों से होते हुए दूर स्थित अपने स्कूल जाने लगी। स्कूल पहुँचकर पीठ से भाई को उतार कर गोद में सुलाती है और कॉपी किताब खोलकर पढ़ने लिखने में मशगूल हो जाती है। स्कूल छूटने के बाद फिर से पीठ पर भाई को लादे, अन्य छोटे भाई बहन को संभाले उन्हीं रास्तों से घर लौटती है और घर के कामों में माँ की मदद करने के साथ साथ होम वर्क भी करती है। यह बच्ची चाहती तो भाई बहन को संभालने के बहाने स्कूल जाने से मना भी कर सकती थी लेकिन उसने इतनी तकलीफों के बावजूद स्कूल जाना और पढ़ना लिखना नहीं छोड़ा। इस बच्ची की पढ़ने की ललक से मणिपुर मिनिस्टर फॉर पावर, फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट, थोंगम विश्वजीत सिंह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मनिंग की शिक्षा की सारी जिम्मेदारी, उसके स्नातक होने तक उठाने की घोषणा कर दी। #Lotopt Positive News #Manipur You May Also like Read the Next Article