समय से बहुत आगे थे राजाराज चोल या पोन्नीयन सेल्व एक समय में भारत देश राजा महाराजाओं का देश था जहाँ एक से बढ़कर एक प्रतापी और वैभवशाली राजा हुआ करते थे, उन्हीं में एक महान, बुद्धिशाली, By Lotpot 14 Dec 2022 in Stories Interesting Facts New Update एक समय में भारत देश राजा महाराजाओं का देश था जहाँ एक से बढ़कर एक प्रतापी और वैभवशाली राजा हुआ करते थे, उन्हीं में एक महान, बुद्धिशाली, बलशाली और प्रतापी राजा थे राजाराज प्रथम, जो दक्षिण भारत के चोल राजवंश के महान राजा थे, जिन्होंने ९८५ से लेकर १०१४ तक शासन किया। चोल साम्राज्य का इतिहास एक हज़ार साल पुराना है। राजाराज महाराज के कई नाम थे, जैसे अरुल मोजही वर्मन , राजाराज शिवपाडा, तेलुंगाना कुल कला, पोन्नीयन सेलवन । उन्होंने उस जमाने में दक्षिण में श्रीलंका तथा उत्तर में कलिंग तक अपना राज पाठ फैलाया था। उन्होंने उत्तर में चालुक्यों तथा दक्षिण में पंड्या से बहुत सारे युद्ध लड़े। उस काल में जब दुनिया में किसी के पास नए देशों को खोजने का कोई जरिया, कोई कम्पास और कोई नॉलेज नहीं था, तब उस काल में भारत के इस राजा ने अपनी नौसेना के जरिए मालाबार तट, मालदीव तथा श्रीलंका पर अपना अधिकार कर लिया था। राजराज प्रथम के शाशन काल में एक दूतमण्डल चीन भी भेजा गया था। राजाराज चोल ने विश्व के सबसे विशाल हिन्दू मंदिरों में से एक तंजौर के बृहदीश्वर मंदिर का निर्माण किया जो आज यूनेस्को की विश्व वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है। इस मंदिर के अलावा भी उन्होंने कई और मंदिरों का निर्माण किया। जिस पुरातन काल में किसी को भी देश विदेश के लैंड सर्वे का कोई ज्ञान नहीं था, उस काल में राजाराज चोल ने लैंड सर्वे के प्रोजेक्ट का काम शुरू किया जिससे भारत को वलनाडू के यूनिट्स में फिर से संगठित करने में मदद मिली। उन्होंने भूमि सर्वेक्षण की परियोजना भी शुरू की जिससे देश को वलनाडु इकाइयों में फिर से गठित होने में मदद मिली। वे सिर्फ दस वर्षो के भीतर ही दक्षिणी भारत का अधिपति बन गए थे। राजाराज चोल ने समुद्री जहाजों का शक्तीशाली बेड़ा तैयार किया और कई टापू जीत ली थी। उनके शासन काल में उनके साम्राज्य का तेजी से खूब विस्तार हुआ। उन्होंने चोल साम्राज्य को शक्तिशाली राज्य बनाने में खूब सफलता पाई। वे कला और धर्म के रक्षक भी थे। उन्होंने अपने साम्राज्य को कई जिलों में विभाजित करते हुए सही लैंड सर्वे भी करवाये रेवेन्यू कलेक्शन को स्टॅण्डरडाइज्ड करने के लिए जो कि उस काल में कोई नहीं करता था। इन्ही सब कारणों से राजाराज को तमिल संस्कृति में महान राजा की उपाधि मिली हुई है। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ You May Also like Read the Next Article