बुराई पर अच्छाई की जीत वाले इस त्योहार के कुछ दिलचस्प तथ्य भारत के मशहूर त्योहार दशहरा (Dussehra) ने हमें हमेशा सिखाया है की अच्छाई और बुराई की लड़ाई में जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है। विजयदशमी के नाम से जाने जाने वाला यह त्योहार हिन्दी महीने के आश्विन के दसवे दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन महीनो के हिसाब से सितम्बर या अक्टूबर में पड़ता है। भारत में विजयदशमी या दशहरा दो वजहों से मनाया जाता हैः By Lotpot 13 Oct 2020 | Updated On 13 Oct 2020 10:39 IST in Stories Interesting Facts New Update भारत के मशहूर त्योहार दशहरा (Dussehra) ने हमें हमेशा सिखाया है की अच्छाई और बुराई की लड़ाई में जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है। विजयदशमी के नाम से जाने जाने वाला यह त्योहार हिन्दी महीने के आश्विन के दसवे दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन महीनो के हिसाब से सितम्बर या अक्टूबर में पड़ता है। भारत में विजयदशमी या दशहरा दो वजहों से मनाया जाता हैः राम की रावण पर जीत और देवी दुर्गा की महिषासुर असुर पर जीत। दोनों ही वाक्य पूरे भारत में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। भारत के अलग अलग हिस्सों में इसका जश्नः यह दशहरा (Dussehra) त्योहार भारत के अलग अलग शहरों में अलग अलग ढंग से मनाया जाता है। जैसे भारत के दक्षिण हिस्से में ही यह त्यौहार कई ढंग से मनाया जाता है। इस दिन उन सभी चीजों का शुक्रिया किया जाता है जिससे जिन्दगी में सफलता आती है। दक्षिण के लोग देवी चामुंडेश्वरी की पूजा करते है। तमिलनाडु में इसे गोलू के नाम से मनाया जाता है। मूर्तियों को अलग ढंग से रखा जाता है जो उनकी संस्कृति दर्शाती है। इसके पीछे कहानी यह है कि माँ दुर्गा को बहुत शक्ति चाहिए थी और सभी देवी देवताओं ने उन्हें अपनी शक्ति प्रदान की थी और खुद मूर्ति की तरह खड़े हो गए थे। उत्तर भारत जैसे कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरयाणा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बिहार में नवरात्री के पहले दिन पौधे में जौ के बीज उगाये जाते है। दशहरा (Dussehra) के दिन उगे हुए अंकुरित को शुभ माना जाता है। आदमी इन्हे अपनी टोपी या फिर अपने कान के पीछे रखते है। इन 10 दिनों में रामायण पर आधारित कई नाटक रामलीला में दर्शाये जाते है। शाम को रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले जलाये जाते है। माना जाता है कि क्योंकि सर्दियों की शुरूआत के कारण हवा में बहुत इन्फेक्शन होता है, इसलिए पुतले जलने से उसमे मौजूद पटाखों में फाॅस्फोरस पर्यावरण को साफ कर देता है। च दशहरा सांस्कृतिक शब्द दशा-हरा से लिया गया है जिसका मतलब ‘‘सूर्य का उदय नहीं होगा‘‘ होता है। इसका मतलब जब तक राम रावण का वध नहीं करेंगे तब तक सूर्य उदय नहीं होगा। देवी दुर्गा भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश द्वारा बनायीं गयी एक शक्ति थी ताकि वह राक्षसों के राजा महिषासुर को मार सके। हिन्दू चंद्र कैलेंडर के मुताबिक दुर्गा ने राक्षस को शुक्ल पक्ष के 10वे दिन मारा था और इस जीत के दिन को भी विजयदशमी कहा जाता है। रावण के दस सिर इंसान की दस बुरी आदतों को दर्शाता है जैसे काम वासना, क्रोध, मोह, लोभ, पागलपन, मात्सर्य, स्वार्थ, अन्याय, अमानवता और अहंकार। भारत के अलावा दशहरा (Dussehra) नेपाल और बांग्लादेश में भी मनाया जाता है। मलेशिया में धार्मिक पर्व को मनाने के लिए आधिकारिक छुट्टी होती है। कहा जाता है कि दशहरा 17वी शताब्दी से मनाया जा रहा है जब मैसूर के राजा ने लोगों को इसे पूरे उत्साह से मनाने का आदेश दिया था। यह त्योहार फसलों में बदलाव का भी प्रतीक है। किसान अभी खरीफ फसल को काटतेे है लेकिन दिवाली के शुरू होते ही वह रबी फसल को बोते है। माना जाता है कि देवी दुर्गा पूजा के दिन अपनी माँ के साथ अपने बच्चों गणेश और कार्तिक को मिलने जाती है और दशहरा के दिन भगवान शिव के पास वापिस आ जाती है। यह मानसून के बाद ठन्डे मौसम की शुरूआत करता है। Like our Facebook Page : Lotpot और पढ़ें : ट्रेवल : अनछुई और रहस्यमयी सुंदरता की जमीन तीर्थन घाटी, एक बार तो जरूर जाएँ #Lotpot Magazine #Lotpot #Dussehra festival #Lotpot Festival Facts #त्योहार दशहरा #दशहरा नेपाल और बांग्लादेश में भी मनाया जाता है #बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक #राक्षसों के राजा महिषासुर #रावण के दस सिर #विजयदशमी You May Also like Read the Next Article