जंगल की कहानी : कौए की किस्मत जंगल की कहानी | कौए की किस्मत :- एक जंगल में पीपल के पेड़ पर एक कौआ रहता था। उसे किसी चीज़ की कमी नहीं थी लेकिन फिर भी उसे संतोष नहीं था। उसे यही लगता था कि जंगल के सारे पंछी उससे ज्यादा सुंदर और खुश है। By Lotpot 10 Oct 2023 | Updated On 12 Oct 2023 17:41 IST in Jungle Stories Moral Stories New Update जंगल की कहानी | कौए की किस्मत :- एक जंगल में पीपल के पेड़ पर एक कौआ रहता था। उसे किसी चीज़ की कमी नहीं थी लेकिन फिर भी उसे संतोष नहीं था। उसे यही लगता था कि जंगल के सारे पंछी उससे ज्यादा सुंदर और खुश है। कभी वो सफेद बगुले को देखकर सोचता कि काश उसका रंग भी सफेद होता, तो कभी सुंदर नीलकंठ को देख कर उदास हो जाता कि ईश्वर ने उसे नीलकंठ की तरह रंगीन क्यों नहीं बनाया। एक दिन पीपल की डाली पर एक बगुला आ बैठा। कौआ और बगुले में दोस्ती हो गई। कौआ ने अपने मन की बात बगुले से बताते हुए कहा, "दोस्त, तुम कितने किस्मत वाले हो, तुम्हारा रंग दूध की तरह सफेद है, अगर मैं भी तुम्हारी तरह सफेद होता तो कितना खुश होता।" यह सुनकर बगुले ने मुस्कुराते हुए कहा, "नहीं दोस्त, पहले मैं भी ऐसा सोचता था कि मुझसे सुंदर कोई और पंछी नहीं है लेकिन एक दिन जब मैंने एक नीलकंठ को देखा तो उसे देखकर दंग रह गया। मैं समझ गया कि नीलकंठ विश्व में सबसे सुंदर पक्षी है इसलिए वो सबसे ज्यादा खुश भी होगा।" यह सुनकर कौआ पास के पेड़ पर रह रहे एक नीलकंठ के पास गया और उससे बोला, "नीलकंठ भाई, तुम कितने सुंदर हो, तुम्हारे पंख आसमानी और गहरे रंगों का सुंदर मेल है। क्या तुम सबसे खुश पंछी हो?" इस प्रश्न पर नीलकंठ हँस कर बोला, "भाई कौआ, पहले मुझे बड़ा गर्व था अपनी सुंदरता पर और मैं बहुत खुश था, लेकिन एक दिन मैंने एक चिड़ियाघर में एक सुंदर मोर को देखा, उसके पंख सतरंगी थे, माथे पर धूपछाँव वाली कलगी थी, लगता है वो विश्व का सबसे सुंदर पंछी है, इसलिए सबसे ज्यादा खुश और किस्मत वाला भी होगा।" नीलकंठ की बात सुनकर कौए के मन में मोर से मिलने की इच्छा हुई। वो बताए हुए चिड़ियाघर में उड़कर पहुंच गया। उसने देखा, मोर को देखने के लिए उसके पिंजरे के पास ढेर सारे लोग आए थे। जब सब चले गए तो कौए ने पिंजरे के बाहर से मोर को आवाज लगाकर कहा, "मोर भाई, तुम तो सचमुच बहुत सुंदर हो। इसलिए क्या तुम दुनिया की सबसे खुश पंछी हो?" मोर की आंखों में आँसू आ गए। वो उदासी से बोला, "नहीं भाई, सबसे ज्यादा दुखी तो मैं हूँ, मेरी इसी सुंदरता के कारण मुझे इस पिंजरे में कैद कर दिया गया है। काश मैं तुम्हारी तरह होता तो मुझे कभी कैद में नहीं रहना पड़ता, जरा देखो, पिंजरे में कितने सारे पक्षियाँ कैद है पर एक भी कौआ कैद नहीं है।" ये सुनने के बाद कौए की आंखे खुल गई और वो जैसे है उसी में खुश रहने लगा। बच्चों इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है हमें कभी भी अपने रंग रूप और भाग्य के को लेकर शिकायत नहीं करते रहना चाहिए। और पढ़ें : जंगल कहानी : झमकू लोमड़ को मिला सबक जंगल कहानी : गोरे काले का भेदभाव जंगल कहानी : चालाक लोमड़ी की चालाक हरकतें Like us : Facebook Page #Bacchon Ki Kahani #Lotpot Magazine #Best Hindi Story #Lotpot Comics #Bal Kahania #Hindi Bal Kahani #childern story #Crow Story #Jungle Stories #Peacock Story You May Also like Read the Next Article