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Jiya Rai: कोशिश करने पर हम आसमान भी छू सकते है, यह साबित कर दिया है इस नन्ही सी तेरह साल की बच्ची ने, नाम है उसका जिया राय (Swimmer Jiya Rai), जिसने इस छोटी सी उम्र में वो कर दिखाया जो बड़े बड़े लोग नहीं पाते। जिया ने तेरह घन्टे और दस मिनट में पाक स्ट्रीट ( श्रीलंका के तलाइमन्नार) से धनुष्कोडी (तमिल नाडु) तक सबसे कठिन समुंद्र मार्ग में लगातार उन्तीस (29) किलोमीटर की दूरी तैरते हुए पार की और दुनिया की सबसे छोटी उम्र की, सबसे तेज़ तैराकी का सम्मान जीता। जब वो समुन्दर में तेजी से तैर रही थी तो लहरों में भयानक तूफान आया हुआ था और हवा उनचास (49) किलोमीटर प्रति घन्टे की रफ्तार से बह रही थी। दरअसल बे ऑफ बेंगाल में एक रात पहले ही साइक्लोन आया हुआ था। लेकिन जिया ने हिम्मत नहीं हारी और जमकर तैरती रही। जल्द ही उसने मुश्किलों पर काबू पा लिया और पिछले सारे रेकॉर्ड को तोड़ती हुई दुनिया की सबसे तेज नन्ही तैराकी का रेकॉर्ड बना लिया ।
इस तरह जिया ने आसानी से बुला चौधरी का रेकॉर्ड तोड़ डाला जिसने 2004 में चौंतीस वर्ष की उम्र में तेरह घन्टे बावन मिनट में इस दूरी को तय किया था। सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि यह नन्ही बच्ची जिया, कोई आम बच्ची नहीं है बल्कि वो ऑटिस्टिक बेबी है। यानी वो ऑटिस्टिक स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर से पीड़ित बच्ची है। जब वो मात्र दो वर्ष की थी तब से इस डिस्ऑर्डर से भुगत रही है लेकिन कुछ बड़ी होने पर उनके परिवार और डॉक्टर के मार्गदर्शन में जिया ने हिम्मत, मेहनत और लगन से तैराकी का प्रशिक्षण लिया और आगे बढ़ती रही। जिया के इंडियन नेवी सेलर पिता मदन राय को अपनी बेटी पर बहुत गर्व है और हो भी क्यों नहीं? उनकी यह बिटिया रानी आज दुनिया की सबसे तेज तैराक की उपाधि जीतने के बाद अब सबसे छोटी उम्र की ओलंपिक तैराकी बनकर तेज गति से सात समुंद्र पार करने के मिशन पर काम शुरू कर चुकी है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित जिया ने इससे पहले भी राष्ट्रीय और राज्य तैराकी और ओपन वाटर सी, स्विमिंग चैंपियनशिप में चौबीस गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीत कर भारत का गौरव बढ़ाया है।