Stories बाल कहानी : पछतावा आज सुबह के दैनिक अखबार के खेल पन्ने पर यह पढ़ते ही कि, ‘जिला क्रिकेट संघ, राष्ट्रीय वीनू मांकड़ सब जूनियर क्रिकेट ट्राफी’ हेतू स्थानीय बाल क्रिकेट खिलाड़ियों की चयन स्पर्धा आयोजित कर रहा है, राजू खुशी के मारे उछल पड़ा। वह बहुत समय से इस प्रतियोगिता में अपने जिले की टीम का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रहा था। राजू ने तुरन्त भागकर अपने पड़ोसी क्रिकेट खिलाड़ी मित्रों गुड्डू व चिंटू को भी ताली बजाकर अपनी प्रसन्नता जाहिर की। अखबार की सूचना के अनुसार टीम का चयन अगले दिन सुबह आठ बजे से नेहरू स्टेडियम में प्रारंभ होना था। By Lotpot 17 Mar 2020
Stories बाल कहानी : भाग्य की खोज जुग जुग मुर्गे के अभी नये नये पंख निकले थे। ऊपर छोटी सी कलगी भी आ गई थी और सुंदर पूँछ भी। वह कीडे ढूँढ ढूँढ कर एक दिन माँ और पिताजी की नजर बचाकर वह अपना भाग्य खोजने चल दिया। खाता और पानी में अपनी शक्ल देखता। वाह! कितना सुंदर हूँ मैं। उसका सिर गर्व से उठ जाताए और सोचता मैं बेकार इस गंदी जगह में पड़ा रहा हूँ। कहीं चलकर अपना भाग्य आजमाऊँ। एक चलते चलते उसे एक पहाड़ मिला। पहाड़ बोला नन्हे जुग जुग भाई किधर जा रहे हो? जुग जुग बोला, "अपना भाग्य खोजने जा रहा हूँ। तुम यहाँ बरसों से एक जगह पडे हो चलो तुम भी मेरे साथए चलकर दोनों अपना भाग्य खोजेंगे।" By Lotpot 28 Feb 2020
Stories बाल कहानी : समय की सूझ सरिता अभी अभी पार्क से खेलकर लौटी थी। वह बाथरूम में जाकर हाथ मुंह धो ही रही थी कि तभी लाईट चली गई। अब तो शाम का अँधेरा घिरते ही लाईट जाना एक आम बात हो गई थी। सरिता की दादी बरामदे में बैठी रामायण पढ़ रही थी। लाईट चले जाने से वह, बिजली विभाग को तीन चार भारी सी गाली बकती हुई। आंगन में ही सरिता की मम्मी शाम के खाने की तैयारी में सब्जी काट रही थी। डैडी अभी अभी आफिस से लौटे थे। By Lotpot 28 Feb 2020
Stories बाल कहानी : काम का भूत बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) काम का भूत- चिपकू हर समय अपनी माँ से चिपका रहता था। स्कूल से आते ही वह बस्ता फेंकता और माँ के कंधे पर सवार हो जाता। पहले तो अम्मा उसे बड़े लाड़ प्यार से कहानियाँ सुना सुनाकर खाना खिलाती थी लेकिन अब चिपकू और ज्यादा चिपकने लगा था। यहाँ तक कि अब वह बहाना बना कर घर बैठ जाता कहता मुझे स्कूल जाने से डर लगता है। मेरे साथ स्कूल चलो। By Lotpot 28 Feb 2020