Stories बाल कहानी : चालाक शेरू बहुत समय पहले शेरू नामक बिल्ली का बच्चा रहता था। उसके माता-पिता कुत्ते द्वारा मारे जा चुके थे। छोटा होने के बावजूद वह बहादुर और बुद्धिमान था। उसने सोचा कि अभी मैं छोटा हूँ इसलिए मुझे कोई सहारा ढँूढ लेना चाहिए। वर्ना मैं भी किसी का शिकार बन जाऊँगा। यह सोचकर वह सहारे की खोज में निकला। अभी वह कुछ दूर ही गया था कि उसे एक भेड़िया मिला। मुझे बहुत जोर से भूख लगी है। वह शेरू को देखकर बोला। By Lotpot 15 Apr 2020
Stories बाल कहानी : निराले संगीतकार ओ गधे के बच्चे! निकल जा यहाँ से। मुझे कोई जरूरत नहीं है तुम्हारी। मेरे पास फोकट का माल नहीं है जो घास चारा ला लाकर तुम्हें खिलाता रहूँ और काम न कर पाए तू दो पैसे का भी। चल हट निकल नहीं तो एक ही लठ मार कर कमर तोड़ दूँगा। कहते हुए कल्लू धोबी ने अपने गधे के पाँव में पड़ी हुई पिछाड़ी खोल दी। By Lotpot 07 Apr 2020
Stories बाल कहानी : आकाश महल शंहशाह जलालुद्दीन अकबर अभी दरबार में आकर बैठे ही थे कि दरबान ने आकर सूचना दी। आलमपनाह वर्मा के राजा का दूत आपके पास हाजिर होने की इजाजत चाहता है। इजाजत हैं। शंहशाह ने गुलाब का फूल सहलाते हुए उत्तर दिया। इजाजत पाते ही दरबान दूत को लेकर हाजिर हुआ और वह चिट्ठी लेकर बड़े अदब से बादशाह तक पहुँचाई जो वह वर्मा के राजा से लाया था। By Lotpot 07 Apr 2020
Stories बाल कहानी : राजू की गेंद गजराज हाथी अपने इकलौते बेटे राजू को बहुत प्यार करता था। जब भी वह शहर जाता राजू के लिए कुछ न कुछ जरूर लाता। कभी चाॅबी वाली मोटर तो कभी बोलने वाली गुड़िया। राजू अपनी छोटी सी संूड में खिलौने उठाये पूरे चंपक वन में घूमता रहता। By Lotpot 06 Apr 2020
Stories बाल कहानी : सहयोग अमिताभ एक सीधा साधा लड़का था। उसमें कोई बुरी आदत नहीं थी। पढ़ने के समय पढ़ता खेलने के समय खेलता। उसको रोज जेब खर्च के लिए पैसे मिलते थे। जिसे वह अपनी गुल्लक में डाल देता था। By Lotpot 06 Apr 2020
Stories बाल कहानी : चमगादड़ को सबक बात तबकी है जब दुनिया बनी ही थी। एक बार पशुओं और पक्षियों में किसी बात पर आपस में मन मुटाव हो गया। बात बढ़ते बढ़ते युद्ध की नौबत तक आ गई। दोनों ही पक्षों के असरदार सरदारों ने अपने आपको श्रेष्ठ ठहराया। जब कोई भी झुकने को तैयार नहीं हुआ तो दोनों ही युद्ध के लिए हथियार लेकर आमने सामने डट गए। By Lotpot 03 Apr 2020
Stories बाल कहानी :करीम बख्श के जूते करीम बख्श बहुत ही सीधा-सादा आदमी था, पर था बहुत कंजूस। सादा भोजन करना और सादे कपड़े पहनना ही उसे भाता था जूते तो कभी उसने पहने ही नहीं थे। एक बार मित्रों के बहुत कहने पर उसने जूते खरीदने की सोची। सारा बाजार छान मारा, पर उसे अपनी पसंद के जूते न मिले। By Lotpot 03 Apr 2020
Stories बाल कहानी : सोनू का मेमना सोनू अभी बकरियाँ चरा ही रहा था कि आकाश पर लाल रंग की घटा छा गई। चारों तरफ अँधेरा सा छाने लगा। फिर जोर की आँधी चलने लगी। आँधी की सीटी गूँजने लगी। पेड़ों के डाल टूट टूटकर गिरने लगे। अनेक पेड़ जड़ से ही उखड़ गये। जंगल के सभी जीव जन्तु पागल होकर इधर उधर भागने लगे। किसी को भी कुछ पता नहीं था कि वह किधर जा रहे है। वही हाल सोनू का भी था। वह भी तूफान से भटका हुआ न जाने किस ओर निकल गया। By Lotpot 31 Mar 2020
Stories बाल कहानी : फूलों की चोरी सौरभ और सीमा बगीचे में बैठे हुए, रंग बिरंगे फूलों को बड़े प्यार से देख रहे थे। उन्हें इस बात की बहुत खुशी थी कि उनकी मेहनत से आज सभी फूल मुस्कुरा रहे थे। दोनों भाई बहन को फूलों से बहुत प्यार था। उनके इस मासूम जीवन के दो ही तो काम थे। लगन से पढ़ना और तरह तरह के फूलों की क्यारी लगाना, प्रति दिन सुबह शाम फूलो मे पानी डालना, निराई करना आदि उनका मुख्य काम था। पढ़ाई से फुरसत पाते ही वे अपने बगीचे की देखभाल में जुट जाते। अपने इन होनहार बच्चों पर उनके मम्मी पापा भी गर्व करते थे। By Lotpot 31 Mar 2020