सही निर्णय का महत्व: गिलहरी की साहसिक कहानी
सही निर्णय का महत्व: गिलहरी की साहसिक कहानी - एक दिन की बात है, एक छोटी सी गिलहरी अपने पेड़ से कूदकर एक नए फल की खोज में निकल पड़ी। >>>>>>>>>>
सही निर्णय का महत्व: गिलहरी की साहसिक कहानी - एक दिन की बात है, एक छोटी सी गिलहरी अपने पेड़ से कूदकर एक नए फल की खोज में निकल पड़ी। >>>>>>>>>>
जंगल के बीचो-बीच एक बड़ा पेड़ था, जहाँ सभी जानवर इकट्ठे होते थे। इसी पेड़ के पास मंगलू बंदर रहता था, जो अपनी चालाकी के लिए पूरे जंगल में मशहूर था। एक दिन जंगल के राजा, शेरू सिंह, ने घोषणा की, "सुनो, सुनो! जो भी
जंगल का जीवन अपने आप में रोमांचक और अनोखा होता है। यहां हर दिन कुछ नया होता है, और हर जानवर को अपने जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इस कहानी में, हम एक छोटे से तोते मिट्ठू की बुद्धिमानी और समझदारी के बारे में जानेंगे
यह कहानी एक सियार और भेड़िये की है, जो जंगल के राजा बनने का सपना देखते हैं। वे सोचते हैं कि अगर वे राजा बन गए, तो वे अन्य प्राणियों पर हुक्म चला सकेंगे। लेकिन जंगल का असली राजा शेरसिंह होता है।
जंगल में दो प्रकार के जानवर थे। शेर-चीता आदि मासांहारी थे, हिरण, नीलगाय, खरगोश, कछुआ आदि शाकाहारी वन्य प्राणी थे। दोनों वर्गों के प्राणी एक दूसरे से अलग अलग रहते थे।
दीपावली के चार दिन रह गए थे लोटपोट के सभी बच्चों में उत्साह था। सबको अपने अपने घर से आतिशबाजी खरीदने के लिए पैसे मिल चुके थे। वीनू और टीनू को भी।
एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता।
खिल्लू खरगोश शुरू से ही पढ़ाकू रहा है। उसके बारे में सबका विश्वास है कि होनहार खिल्लू अवश्य ही उनके जंगल का नाम रोशन करेगा। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने नज़दीकी शहर वाले काॅलेज में दाखिला ले लिया। उसकी इच्छा थी कि वह पढ़ लिखकर वैज्ञानिक बने।