E-Comics : मोटू-पतलू और मैरी क्रिसमस
क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए मोटू-पतलू के आंगन में अचानक एक हिलता-डुलता, बोलने वाला हाइटेक क्रिसमस ट्री आ जाता है। मोटू और पतलू हैरान रह जाते हैं कि आखिर ये जादुई ट्री कहां से आया। ट्री खुद बोलता है
क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए मोटू-पतलू के आंगन में अचानक एक हिलता-डुलता, बोलने वाला हाइटेक क्रिसमस ट्री आ जाता है। मोटू और पतलू हैरान रह जाते हैं कि आखिर ये जादुई ट्री कहां से आया। ट्री खुद बोलता है
एक दिन पतलू डॉ. झटका के पहुँचता है और उसको बताता है कि झटके मेरे हांथों में ताकत नहीं रह गयी है, मैं कोई भी भारी सामान उठा नहीं पा रहा हूँ। पतलू की बात सुनकर डॉ. झटका पतलू को समझाता है।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, सभी बच्चे अपने अपने नानी या दादी के घर पर छुट्टियां मनाने गए हुए थे। ऐसे ही मोटू और पतलू के पड़ोसी के यहाँ भी उनके नाती पोते आए हुए थे।
मई का महीना ख़त्म होने वाला था और गर्मी अपने चरम पर थी, मोटू और पतलू पसीने में लथपथ अपने घर में बैठ कर हाय गर्मी, हाय गर्मी की रट लगा रहे थे।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, फुरफुरी नगर के वासी छुट्टियों का मज़ा ले रहे थे। डॉ. झटका अपने घर में आराम कर रहे थे, तभी घसीटा भागता हुआ वहां आ जाता है और बोलता है- झटके! ओ झटके! मोटू ने तो कमाल कर दिया।
एक दिन की बात है मोटू और पतलू घर में बैठे हुए थे, तभी अचानक से मोटू उठा और अंदर से वेइंग मशीन निकाल कर ले आया और उसपर खड़ा होकर अपना वज़न नापने लगा।
मोटू और पतलू घर की सफाई कर रहे थे इतने में पतलू को एक छतरी मिलती है, पतलू बाहर आता है और मोटू से बोलता है कि मोटू ये देख मुझे क्या मिला, मोटू बोलता है की ऐसा क्या ही मिल गया तुझे जो इतना खुश हो रहा है।