Deva E-Comics: देवा और ज्वालामुखी
पूरा दिन बीत चूका था सभी लोग शाम के काम ख़त्म करके रिलैक्स मूड में घूम रहे थे, देवा भी कई दिनों बाद चैन की नींद सोने की तैयारी कर रहा था की तभी शहर से लगे मैदान में जो सोया हुआ ज्वालामुखी था वो फट गया।
पूरा दिन बीत चूका था सभी लोग शाम के काम ख़त्म करके रिलैक्स मूड में घूम रहे थे, देवा भी कई दिनों बाद चैन की नींद सोने की तैयारी कर रहा था की तभी शहर से लगे मैदान में जो सोया हुआ ज्वालामुखी था वो फट गया।
सुबह का टाइम था देवा नहाने के लिए वाशरूम जा रहा था की तभी उसके रूम की घंटी लगातार बजने लगी देवा ने बहार आ कर देखा तो एक लड़का लिफाफा लेकर खड़ा था, उस लड़के ने बोला की किसी ने ये आपको देने के लिए बोला था।
सभी भारतवासी दशहरा मनाने की तैयारी कर रहे थे, सभी शाम को रावण का पुतला जलने का लुत्फ़ उठाने के लिए बेचैन भी थे। लेकिन जब लोग मैदान में पहुंचे तो वहां कोई भी पुतला नहीं था और सभी परेशान हो गए की अब दशहरा कैसे मनायेंगे।
आज भी सब कुछ रोज़ की तरह ही शांत चल रहा था की तभी मणिदेव आ जाता है देवा को मारने के लिए और अब की बार मणिदेव और भी ज्यादा ताकतवर हो के आया था।