दीपिका पादुकोण ने बचपन में जो लिखा वो एक प्रेरणा है
ऐसा नहीं है कि सिर्फ बड़ी उम्र वाले ही अच्छी कहानी या कविता लिख सकते हैं। बच्चे अगर ठान लें तो अपनी कल्पनाओं की उड़ान से अच्छे अच्छे कवि और लेखक को चकित कर सकते हैं।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ बड़ी उम्र वाले ही अच्छी कहानी या कविता लिख सकते हैं। बच्चे अगर ठान लें तो अपनी कल्पनाओं की उड़ान से अच्छे अच्छे कवि और लेखक को चकित कर सकते हैं।
Kushi Hub : भारतीय रेल्वे बोर्ड के निर्णय के अनुसार भारत के प्रमुख रेल्वे स्टेशनों पर बच्चों के सुख सुविधाओं से परिपूर्ण स्थल बनाने की योजना का पहला चरण कर्नाटक के केएसआर रेल्वे स्टेशन से शुरू हो रहा है। इस तरह के चाइल्ड फ्रेंडली स्थल को प्लैटफॉर्म एक पर बनाया गया है जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आज ATM हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। लेकिन एटीएम जैसी मशीन की कल्पना किसने की थी ? यह 1960 की बात है। प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले जॉन शेफर्ड-बैरोन के सारे पैसे खत्म हो गए थे, वो बैंक गया लेकिन थोड़ी देरी हो जाने से बैंक बंद हो गया और वो सप्ताह का अंतिम दिन था।
कोविड महामारी ने उन्नीस वर्षीय नीरज चौहान (Neeraj Chauhan) को उसके सपने पूरे करने से रोका जरूर लेकिन उसके ज्जबे तो तोड़ नहीं पाया। बचपन से ही नीरज निशानेबाजी में माहिर था, वो अपने घर के करीब बने एक स्टेडियम में कई तीरंदाजों को निशानेबाजी करते देखा करता था
स्कूल जाने की बात उठते पर कॉपी किताबों की बात भी उठती है। हम जब स्कूल में दाखिला लेते हैं या अगली कक्षा मे उत्तीर्ण होते हैं तो नई नई कॉपी किताबें खरीदने की उमंग हम सबमें होती है, लेकिन बहुत से बच्चे ऐसे भी होते हैं जो पढ़ना लिखना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास नए नोट बुक्स खरीदने के लिए पैसे नहीं होते।