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गणित के जादूगर थे श्रीनिवास रामानुजन
Public Figure गणित के जादूगर थे श्रीनिवास रामानुजन:- महान गणितज्ञ, श्रीनिवास रामानुजन ( Srinivasa Ramanujan) को दुनिया में गणित का जादूगर क्यों कहा जाता है, आइए जानते है। तमिलनाडु के एक छोटे से गांव इरोड के प्राथमिक शाला में एक दिन जब गणित की कक्षा चल रही थी तो शिक्षक ने बच्चों से कहा कि वो एक से लेकर सौ तक के अंक को जोड़ कर दिखाएँ। बच्चे इस सवाल का उत्तर ढूंढने में लग गए। लेकिन उन छोटे बच्चों के लिए यह इतना आसान नहीं था। (Lotpot Personality)
अभी दस मिनट का समय ही बीता था कि सात साल के नन्हे श्रीनिवास रामानुजन ने सवाल का सही ज़वाब दे दिया। आश्चर्य के साथ शिक्षक ने बच्चे से पूछा कि उसने इतने कम समय में सवाल कैसे हल किए, तो रामानुजन ने बताया कि उसने बड़ी कक्षा के गणित के किताब से यह विधि पढ़ी थी। इसका अर्थ यह था कि उस छोटी सी उम्र में ही रामानुजन को गणित से इतना लगाव था कि वह बड़ी कक्षाओं की किताबें पढ़ता और समझता था। (Lotpot Personality)
22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड गांव में रामानुजन का जन्म हुआ था। जन्म से लेकर तीन वर्ष की उम्र तक वे...
22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड गांव में रामानुजन का जन्म हुआ था। जन्म से लेकर तीन वर्ष की उम्र तक वे बोल नहीं पाते थे, सबने उन्हें गूंगा समझ लिया था लेकिन धीरे धीरे वे बोलने लगे। रामानुजन को घर खर्च चलाने के लिए कम उम्र से ही ट्यूशन और नौकरी करनी पड़ी। वे मद्रास ट्रांसपोर्ट में क्लर्क बन गए, लेकिन समय मिलते ही वो ऑफिस में भी गणित के नए नए फॉर्मूला तैयार करते रहते थे। एक दिन उनके बड़े अधिकारी को जब रामानुजन के इस अद्भुत क्षमता का पता चला तो उन्होंने सारे फॉर्मूलाज़, इंग्लैंड के विश्व-प्रसिद्ध गणितज्ञ जी.एस हार्डी को भेज दिया। (Lotpot Personality)
हार्डी ने जब रामानुजन के गणित फॉर्मूलाज़ को देखा तो इतना प्रभावित हुए कि तुरंत रामानुजन को अपने पास इंग्लैंड बुलाकर उच्चतम शोध कार्य में लगा दिया। रामानुजन ने अपने बत्तीस वर्षीय जीवन काल में गणित के लगभग चार हजार फॉर्मूला बनाए, जिससे सवाल आसानी से हल हो जाते थे। इन्हें गणित की भाषा में आइडेंटिटीज़ और इक्वेशन कहते हैं। (Lotpot Personality)
महान गणितज्ञ रामानुजन अपने वक्त से बहुत आगे तक सोचते थे। जिन सवालों को सुलझाने में बड़े बड़े गणितज्ञों को घंटों, या हफ़्तों लगते उन्हें रामानुजन मिनटों में हल कर देते थे। वर्ष 1919 में उन्होंने मॉक थीटा की खोंज की, जिससे ब्रम्हांड की सबसे बड़ी पहेली 'ब्लैक होल' के रहस्य को सुलझाया जा सकता है। इस महान गणित के जादूगर की मृत्यु 26 अप्रैल 1920 को सिर्फ बत्तीस वर्ष की उम्र में टीबी रोग से हो गई थी। (Lotpot Personality)
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