प्रफुल्ल बिल्लोरे की कहानी सबको प्रेरित करने वाली है कहते है जहाँ चाह है वहां राह है। इसी चाह ने प्रफुल्ल बिल्लोरे को कामयाबी की मंजिल दिलाई। 'एम बी ए चाय वाला' के मालिक प्रफुल्ल बिल्लोरे ने बचपन से ही कुछ बनने का सपना देखा था और आखिर अपनी मेहनत, हिम्मत और बुद्धि से उन्होंने वो कर दिखाया By Lotpot 16 Jan 2023 in Stories Interesting Facts New Update कहते है जहाँ चाह है वहां राह है। इसी चाह ने प्रफुल्ल बिल्लोरे को कामयाबी की मंजिल दिलाई। 'एम बी ए चाय वाला' के मालिक प्रफुल्ल बिल्लोरे ने बचपन से ही कुछ बनने का सपना देखा था और आखिर अपनी मेहनत, हिम्मत और बुद्धि से उन्होंने वो कर दिखाया जो इस उम्र में कम लोग ही कर पाते हैं। प्रफुल्ल का जीवन आसान नहीं था। बहुत सारी मुश्किलों का सामना उन्हें हर दिन करना पड़ता था। वे चाहते थे कि वे अहमदाबाद के आई आई एम से मास्टर्स डिग्री हासिल करे। प्रफुल्ल ने दिन में दस घंटे पढ़ाई करना शुरू किया। लेकिन तीन बार कोशिश करने के बावजूद भी वे सीएटी (CAT) की परिक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए । आईआईएम से एम बी ए करने का उनका सपना चकनाचूर हो गया। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करे, इस सोच के साथ वे अहमदाबाद में इधर उधर भटकते रहे। आखिर उन्होंने 9 से 4 बजे की एक नौकरी तलाश कर ली। लेकिन वो स्वतंत्र रूप से कुछ अलग करना चाहते थे। उनका मन था एक कैफे खोलने का। लेकिन उनके पास धन नहीं था। आखिर उन्होंने एक चाय की दुकान खोलने का इरादा कर लिया। अक्सर लोग सोचते हैं कि lइस तरह की छोटी मोटी दुकाने वो लोग लगाते हैं जो पढ़े लिखे नहीं होते और निचले तबके के होते हैं। लेकिन प्रफुल्ल ने इस बात की परवाह नहीं की कि लोग क्या कहेंगे और दृढ़ संकल्प के साथ सड़क किनारे एक चाय की दुकान खोल ली। सुबह नौकरी करते और शाम को चाय बेचते थे। चाय पेश करने का उनका अंदाज़ और बातचीत का ढंग इतना मनोरंजक और प्यारा होता था कि लोग दुकान पर खिंचे चले आते थे। प्रफुल्ल की तरक्की देख आसपास के अन्य चाय वाले ईष्या करने लगे और एक दिन प्रफुल्ल को उस क्षेत्र से निकाल दिया। लेकिन प्रफुल्ल हताश नहीं हुए, उन्होंने किराये पर दूसरी जगह फिर से अपनी चाय की दुकान लगा ली। प्रतिभाशाली, बुद्धिमान, पढ़े लिखे और अनोखे अंदाज वाले प्रफुल्ल वहाँ भी दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की करने लगे। फिर प्रफुल्ल बिल्लोरे ने 'एम बी ए चाय वाला' नामक खुद का रेस्त्रां खोल दिया। एम का मतलब मिस्टर, बी का मतलब बिल्लोरे और ए का मतलब है अहमदाबाद (मास्टर्स ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन नहीं), देखते देखते प्रफुल्ल बिल्लोरे कामयाब होते गए, खूब नाम और धन कमाया और आज भी कमा रहे हैं। वे एक पर्सनल वेबसाइट भी चलाते हैं और 'एम बी ए चाय वाले' के लिए फेसबुक तथा इंस्टाग्राम मैनेजर भी हैं। उनकी कामयाबी से प्रेरित होकर दुनिया भर के एम बी ए तथा अन्य क्षेत्रों के युवा छात्र प्रफुल्ल से मिलने आते हैं। प्रफ़ुल्ल को कई संस्थाओं और शिक्षा केंद्रों ने निमंत्रित करके छात्रों से अपनी कहानी साझा करने के लिए कहा है। उनकी कामयाबी की कहानी सोशल मीडिया में इस तरह वायरल हुआ कि वे विश्वप्रसिद्ध हो गए। आज देश विदेश में प्रफुल्ल बिल्लोरे की चाय और उनकी कामयाबी की कहानी प्रसिद्ध है। प्रफुल्ल की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर कोई लगन, हिम्मत और बुद्धि के साथ मेहनत करे तो कामयाबी उसे जरूर मिलती है। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ You May Also like Read the Next Article