‘‘आज के बच्चे मेंटली स्ट्रांग हैं’’ दीपिका टोपीवाला धारावाहिक रामायण की याद आते ही सीता माता यानि दीपिका टोपीवाला (Dipika Topiwala) का चेहरा सामने आ जाता है। उस धारावाहिक के बाद दीपिका सांसद भी बनी, लेकिन अभिनय से वे दूर होती चली गई। बीच बीच में वे गुजराती सीरियल्स करती रही। लेकिन अब करीब बीस साल बाद वे लेखक डायरेक्टर धीरज मिश्रा की फिल्म By Lotpot 18 Jul 2020 in Stories Lotpot Personality New Update Special Interview with Dipika Topiwala: धारावाहिक रामायण की याद आते ही सीता माता यानि दीपिका टोपीवाला (Dipika Topiwala) का चेहरा सामने आ जाता है। उस धारावाहिक के बाद दीपिका सांसद भी बनी, लेकिन अभिनय से वे दूर होती चली गई। बीच बीच में वे गुजराती सीरियल्स करती रही। लेकिन अब करीब बीस साल बाद वे लेखक डायरेक्टर धीरज मिश्रा की फिल्म ‘गालिब’ से वापसी कर रही हैं और साथ ही गुजराती फिल्म ‘नट सम्राट’ भी कर रही हैं। उनसे मिलने पर लोटपोट के नन्हें पाठकों के लिये भी कुछ बातचीत हुई जो इस प्रकार है। बच्चों को लेकर उनका कहना है कि आज की जो जनरेशन है वो बहुत स्मार्ट बहुत फोक्स्ड और स्टूडियस हैं। उनके मां बाप भी उन्हें लेकर फोकस्ड हैं, लेकिन वे स्वंय भी काफी काॅपंटेटिव हैं। हमारे समय में तो हमारा ये रूटिन था कि स्कूल से आओ, खाना खाओ और खेलने चले जाओ। पढ़ाई का तो ऐसा था कि मन किया तो पढ़ो वरना कोई बात नहीं क्योंकि कोई प्रैशर भी नहीं होता था। आज ऐसा नहीं हैं आज तो स्कूल के अलावा ट्यूशसं करो, उसके बाद भी कंपटीशन बना रहता है। दरअसल ये एक फोकस्ड जनरेशन है। उनके बारे में कहा जाता है कि आजकल के बच्चे कंप्यूटराइज्ड हो गये हैं वे पढ़ाई के अलावा कंप्यूटर या मोबाईल पर चिपके रहते हैं। यहां तक न तो वे बाहर खेलने जाते हैं और न ही उनकी कोई फिजिकली एक्टीविटीज रह गई है। बेशक आज उनकी फिजिकली नहीं मेंटली एक्टिविटीज बढ़ गई है क्योंकि उनका मानना है कि थोड़े बड़े होकर वे जिम ज्वाईन कर लेगें। लिहाजा आज आप जिम जाकर देखेगें तो आपको वहां नौवी क्लास तक के बच्चे एक्सरसाइज करते मिलेगें। इसलिये मेरा मानना है, कि आज वे फिजिकली ही नहीं मेंटली भी बहुत स्ट्रांग हैं। मेरा मानना है कि आज बच्चों को मेंटली स्ट्रांग होना बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि आप विदेश चले जाइये, वहां भी आज इन सब चीजों को लेकर बहुत कंपटीशन हो गया है। अब अगर आज बच्चें इस तरफ ध्यान नहीं देगंे तो वे आगे जाकर पिछड़ जायेगें। आज अगर एजुकेशन की बात की जाये तो दसवी ग्यारहवी की बात तो दूर गे्रजुएशन तक की पढ़ाई को सामान्य माना जाता है। आप वहां तक नहीं पहुंचते तो आप लाइफ में पिछड़ जायेगें । आज ईएमआई पर बड़ी से बड़ी गाड़ी और बड़े घर आराम से मिल जाते हैं। जिसके पास एक बैडरूम घर हैं उसे टू बैडरूम घर में जाना है। ये सब गेन करने के लिये शिक्षा जरूरी है । पेरेन्ट्स की बात की जाये तो उन्हें अपने बच्चों को फास्ट फूड से दूर रखना चाहिये और उन्हें पुश करने के लिये कोई हाॅबीज दे देनी चाहिये। जैसे उन्हें क्रिकेट एकेडमी या फुटबाल एकेडमी ज्वाइ्रन करवा दो। इससे वे अच्छी पढ़ाई के साथ साथ अच्छे स्पोर्टमैन भी साबित होगें। -श्याम शर्मा Like our Facebook Page : Lotpot #Lotpot Magazine #Lotpot #Deepika Topiwala #Ramayan #Sita #Special Interview You May Also like Read the Next Article