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नैनीताल (Nainital) हिमालय की कुमाऊँ पहाड़ियों में स्थित है। समुद्र तल से नैनीताल की कुल ऊंचाई लगभग 1938 मीटर (6358 फुट) है। नैनीताल की घाटी में नाशपाती के आकार की एक झील है जो नैनी झील के नाम से जानी जाती है। यह झील चारों ओर से पहाड़ों से घिरी है। इस झील के चारों ओर स्थित पहाड़ो के उत्तर में इनकी सबसे ऊंची चोटी नैनी पीक है।
नैनी झील के उत्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है। 1880 में भूस्खलन से यह मंदिर नष्ट हो गया था। बाद में इसे दुबारा बनाया गया। यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं।
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नैनी झील के चारों ओर स्थित पहाडो के उत्तर में इनकी सबसे ऊंची चोटी नैनी पीक है, जिसकी ऊँचाई (2615 मीटर (8579 फीट) है। इन चोटियों से संपूर्ण क्षेत्र के मनोरम दृश्य दिखते हैं।
बर्फीला दृश्य 2,270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह शेर का डांडा चोटी पर स्थित है। यहाँ पर केबल कार से आसानी से जाया जा सकता है। साफ दिन में यहाँ से बर्फ से ढके हिमालय जैसे नंदा देवी, त्रिसूल और नंदा कोट दिखता है। यहाँ जाने का उत्तम समय अक्टूबर और नवंबर है।
नैना चोटी को चीन और चीन चोटी भी कहा जाता है। नैना चोटी राज्य की सबसे ऊँची चोटी है और यह 2,659 मीटर यानी 8,579 फीट पर स्थित है। इस चोटी से न सिर्फ ऊँची चोटियाँ बल्कि पूरा नैनीताल भी दिखता है।
भीमताल का नाम पांडवो के दूसरे भाई भीम के बाद पड़ा था। यह झील नैनी झील से बड़ी है और नैनीताल से 22 किलोमीटर दूर है। यह 4495 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।