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Akshardham Temple: भारतीय संस्कृति का आधुनिक चमत्कार
नई दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple) भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और आध्यात्मिकता का अनोखा उदाहरण है। यह मंदिर अपने भव्य निर्माण, खूबसूरत नक्काशी और धार्मिक महत्व के लिए दुनियाभर के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। मंदिर को 'भगवान का घर' मानते हुए इसे हर पर्यटक की दिल्ली यात्रा की सूची में जरूर शामिल करना चाहिए। आइए जानते हैं इस अद्भुत मंदिर के बारे में विस्तार से।
निर्माण की कहानी
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 2000 से 2005 के बीच हुआ था। इस मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा किया गया था। इसकी नींव के लिए जमीन को तैयार करने का काम 20वीं सदी के मध्य में ही शुरू कर दिया गया था। 2005 में इस मंदिर का उद्घाटन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने किया था।
इस मंदिर को बनाने में करीब 10,000 से ज्यादा कारीगरों ने अपने हुनर का योगदान दिया। यहां एक भी फेरस मेटल (लोहे) का उपयोग नहीं किया गया, जिससे इसकी संरचना को मजबूत और टिकाऊ बनाया जा सके।
मंदिर की विशेषताएँ
अक्षरधाम मंदिर का मुख्य आकर्षण इसका मंडोवर है, जो मंदिर की बाहरी दीवार है। इसकी ऊंचाई करीब 25 फीट है और यह 600 फीट लंबा है। यहां हर नक्काशी हिंदू धर्म के अलग-अलग पहलुओं, जीव-जन्तुओं और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित करती है। इस भव्यता के कारण पर्यटक यहां बाहर की नक्काशियों को देखने में अधिक समय बिताते हैं।
मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर 10 अलग-अलग दरवाजे देखने को मिलते हैं, जो वैदिक साहित्य में दर्शाए गए विभिन्न मार्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंदर की ओर, भव्य गुंबद और खूबसूरत स्तंभ मंदिर की छटा में चार चांद लगाते हैं।
मंदिर का मुख्य आकर्षण: यज्ञपुरुष कुंड और सहजानंद वाटर शो
मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है यज्ञपुरुष कुंड, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्टेपवेल है। इसके अलावा, सहजानंद वाटर शो यहां का प्रमुख आकर्षण है, जो हर शाम को आयोजित किया जाता है। इस शो में लेज़र, पानी और लाइट्स का उपयोग कर एक सुंदर कहानी प्रस्तुत की जाती है, जिसे देखना हर किसी के लिए यादगार अनुभव बन जाता है।
परिक्रमा और ध्यान के लिए स्थान
मंदिर परिसर में एक परिक्रमा मार्ग भी है, जिसे पार करके भक्त अपने ईश्वर को जीवन का केंद्र मानते हुए उनका दर्शन करते हैं। इसके अलावा, यहां एक कमल उद्यान भी है, जहां आप शांति और सुकून पा सकते हैं। इस उद्यान में कई प्रसिद्ध व्यक्तियों के अनमोल विचारों को पत्थरों पर उकेरा गया है।
मंदिर में उचित आचरण और ड्रेस कोड
अक्षरधाम मंदिर का दौरा करते समय पारंपरिक आचरण का पालन करना जरूरी है। मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले जूते उतारने और विनम्र पोशाक पहनने की सलाह दी जाती है। अगर आपकी पोशाक उपयुक्त नहीं है, तो मंदिर में मुफ्त सरोंग की व्यवस्था भी की गई है। यह मंदिर सभी के लिए खुला है, लेकिन यहां शांति और पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।
यात्रा के समय और विशेष गतिविधियाँ
अक्षरधाम मंदिर आमतौर पर मंगलवार से रविवार तक खुला रहता है और सोमवार को बंद रहता है। मंदिर का समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक का होता है। यहां घूमने के लिए पूरा दिन बिताया जा सकता है। मंदिर के विभिन्न हिस्सों में प्रवेश निशुल्क है, लेकिन कुछ विशेष प्रदर्शन और शो के लिए टिकट की आवश्यकता होती है।
अक्षरधाम मंदिर के पास दर्शनीय स्थल
मंदिर के नजदीक आप हुमायूँ का मकबरा, इंडिया गेट, और लोटस टेम्पल जैसी अन्य प्रमुख दिल्ली की जगहों की भी सैर कर सकते हैं। इसके अलावा, मंदिर से कुछ दूरी पर पृथ्वीराज रोड मेट्रो स्टेशन भी है, जहां से आप आसानी से यात्रा कर सकते हैं।
अक्षरधाम मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण आधुनिक भारतीय वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इसकी नक्काशी, डिजाइन और धार्मिक महत्व इसे एक अनूठा स्थल बनाते हैं। मंदिर के हर हिस्से में भारतीय संस्कृति और परंपरा की झलक मिलती है।
निष्कर्ष: अक्षरधाम मंदिर की यात्रा हर किसी के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होती है। चाहे आप धार्मिक हों या नहीं, यहां की वास्तुकला, नक्काशी और संस्कृति आपको मंत्रमुग्ध कर देंगी। अपने अगले दिल्ली दौरे में अक्षरधाम मंदिर की यात्रा जरूर करें और भारतीय संस्कृति का अनूठा अनुभव लें।
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