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भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है सिक्किम
Travel भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है सिक्किम:- पूर्वी हिमालय की तलहटी में बसा तथा नेपाल, तिब्बत और भूटान से घिरा सिक्किम प्राकृतिक सुंदरता में किसी परीलोक से कम नहीं है। दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी, मांऊट कंचनजंगा (ऊंचाई 28 हजार 156 फुट) के वरदहस्त तले भारत का यह दूसरा सबसे छोटा राज्य शांत, पर्यटन और प्राकृतिक छटा की दृष्टि से आंका जाए तो पहले नम्बर पर आएगा। सुबह पौ फटने के साथ ही जब सूरत की पहली किरण कंचनजंगा की चोटी पर पड़ती है तो आप उस स्वर्णिम दृश्य के अद्भुत नज़ारे को बस ठगे-से देखते ही रह जाएंगे। कंचनजंगा को सिक्किमवासी अपना आराध्य भी मानते हैं। कई और भी चोटियां इस उद्याननुमा प्रदेश को सुशोभित करती हैं- जैसे लगभग साढ़े 24 हजार फुट ऊंचा माऊंट काबरू, साढ़े 23 हजार फुट ऊंचा पौहुंरी और दुनिया की सबसे खूबसूरत पर्वत चोटी-पौने 23 हजार फुट ऊंचा माऊंट सिनिओल्छू। दर्जनों अत्याकर्षक झीलें और ग्लेशियर तथा रंगिट और तीस्ता जैसी नदियां भी सिक्किम की शोभा बढ़ाती हैं। (Travel)
देश के पूर्वोत्तर में स्थित होने के कारण सिक्किम में काफी वर्षा होती है। जिस कारण यहां के दक्षिणी भाग के वनों में हमेशा नमी और मनमोहक हरियाली बनी रहती है। राज्य की राजधानी गंगटोक खुद एक बेहतरीन हिल स्टेशन और लुभावना पर्यटक केन्द्र है। साथ ही यह प्रदेश भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार के नवीनतम द्वार ‘नाथुला दर्रे’ से भी सुशोभित है। (Travel)
सिक्क्मि में चूँकि अभी औद्योगिकीकरण की आपाधापी और लोगों में गलाकाट प्रतिस्पर्धा का...
सिक्क्मि में चूँकि अभी औद्योगिकीकरण की आपाधापी और लोगों में गलाकाट प्रतिस्पर्धा का अभिशाप नहीं पहुँच पाया है। और प्रकृति की लोगों पर असीम कृपा होने से यहां का आम आदमी बेहद संतुष्ट और अपने में मस्त है। यही मस्ती यहां पहुंचने वाला हर सैलानी भी महसूस करता है। साथ ही चारों ओर कुदरत के हसीन नजारे और खुशगवार मौसम हो तो वैसे भी पर्यटकों का मन-मयूर नाच उठता है। भीड़-भड़क्के का तो यहां सवाल ही नहीं है। क्योंकि पूरे राज्य की कुल जनसंख्या साढ़े पांच लाख से भी कम है और अपराध तो यहां सुनने में भी नहीं आते। जहां तक आकार की बात है तो सिक्किम की लम्बाई लगभग 115 कि. मी. और चैड़ाई केवल लगभग 65 कि.मी. है। राज्य में केवल चार जिले हैं, जिनमें सबसे ज्यादा लोग पूर्वी और दक्षिणी जिलों में ही रहते हैं लेकिन आकार के हिसाब से सबसे बड़े उत्तरी जिले में ज्यादातर पहाड़ हैं और लोग बहुत कम। (Travel)
पूरे राज्य में चूंकि सड़कों का बहुत अच्छा जाल बिछा है तथा टैक्सी सुविधा बड़ी आसानी से उपलब्ध है। इसलिए आप पूरे सिक्किम की सुंदरता का भरपूर आनंद बिना किसी दिक्कत के उठा सकते हैं। पुलिस का भी यहां काफी सम्मान है, जिससे टैक्सी वाले आपको लूटेंगे नहीं और जो रेट सरकार द्वारा तय है उसी पर ले जाते हैं। जगह-जगह रहने-खाने की भी अच्छी व्यवस्था है। लोग मिलनसार हैं। यहां बार, रैस्टोरैंट भरे पड़े है। सिक्किम का काफी बड़ा हिस्सा केवल पर्वतों और जंगलो से ढंका होने के कारण यहां के हर पर्यटक स्थल पर आपको नदी-नालों और झरनों के साथ ही कुदरत के एक से बढ़ कर एक दृश्य देखने को मिलते हैं। यहां कई प्रकार के पेड़-पौधे, खासकर अत्यंत मनमोहक ऑर्किड, तितलियां, पक्षी और लाल पांडा तथा स्नो-लैपर्ड सहित अनेक प्रकार के जानवर पाए जाते हैं। (Travel)
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