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आकर्षण, फुर्ति और बेहद शक्ति का मिश्रण बाघ (Tiger) को दर्शाता है जो भारत का राष्ट्रीय जानवर है। यह नस्ल कई सालों से खतरे में है और बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में बचाने के लिए बाघ दिवस (Tiger Day) का आयोजन 29 जुलाई को किया जाता है ताकि लोगों में बाघों को बचाने की जागरूकता फैले।
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बाघ के बारे में कुछ मजेदार तथ्य
बाघों की धारियों वाली त्वचा होती है और इनकी चाल भी धारियों वाली होती है।
बाघों के समूह को अम्बुश (घात) या स्ट्रीक कहा जाता है।
बाघ 5 मीटर लम्बा और 6 मीटर ऊँची छलांग मार सकता है। यह एक बस की ऊंचाई से भी ऊँचा है।
सफेद बाघ (White Tiger) को पैदा करने वाली प्रजाति 10,000 बाघों में से कोई एक होती है।
बाघ अकेले शिकार करते है और यह अक्सर रात में निकलते है। यह अपने शिकार पर झपट्टा मारकर उन्हें गर्दन से काटते है। बाघ भैंस, हिरन, जंगली सुअर और बड़े स्तनपायी को खाते है।
बाघ के लिए 10 प्रतिशत से भी कम शिकार सफल होते है।
बाघ बिल्लियों के परिवार में सबसे बड़े होते है।
बाघ का वजन 300 किलो तक होता है।
बाघ बिल्ली (Cat) जैसी आवाज निकालते है।
नर बाघ को अपने बच्चों से कोई फर्क नहीं पड़ता, वही मादा बाघ एक समय में दो से छह बच्चों को जन्म देती है और उन्हें दो साल का होने तक पालती है।
बाघ अच्छे तैराक होते है।
कई बाघ 70 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से भागते है।
बाघ की खोज करीब 2 मिलियन साल पुरानी है।
आपको बाघ की आवाज दो किलोमीटर दूर से ही सुनाई दे सकती है।
हर बाघ अलग होता है। इनकी धारिया हमारी उँगलियों के निशान जैसी होती है जो आपस में एक दूसरे से अलग होती है।