श्रीकृष्ण भगवान के सर पर मोर पंख क्यों सजा रहता है? By Lotpot 23 Dec 2022 | Updated On 23 Dec 2022 12:30 IST in Stories Interesting Facts New Update हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को भगवान राम जी का अवतार माना जाता हैं। जब भी श्रीकृष्ण जी का चित्रण किया जाता है तो उनके सर पर एक सुन्दर सा मोर का पंख सजा हुआ दिखता है। क्यों होता है भगवान कृष्ण के सर पर मोर मुकुट? इस रहस्य के पीछे कई सारी कहानियां है। जब भगवान राम जी अपने चौदह वर्ष का वनवास काटने के लिए जंगल की तरफ बढ़ रहे थे तो साथ चल रही उनकी पत्नी माता सीता को प्यास लगी। राम जी ने जंगल में पीने लायक जलाशय ढूँढा लेकिन उन्हें कोई जल कुंड नहीं मिला। तब उन्होंने वन देवता से प्रार्थना की कि उन्हें कोई राह दिखाए। वहीं पेड़ पर बैठे एक मोर ने राम जी की प्रार्थना सुन ली, वो राम जी के पास आकर बोला "प्रभु राम जी, मैं आपको एक जलाशय तक ले जाता हूँ, जंगल घना है, आप राह ना भटक जाएं इसलिए मैं उड़ते हुए अपना एक एक पंख रास्ते में गिराता जाऊँगा, आप गिरे हुए पंखों का अनुगमन करके जलाशय तक पहुंच जाएंगे।" राम जी ने वैसा ही किया और उन्हें जल कुंड मिल गया। लेकिन मोर के सारे पंख झड़ जाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। मरने से पहले मोर ने द्रवित राम जी से कहा कि उसे मरने का कोई दुख नहीं है क्योंकि जो दुनिया का तारण हार है, उसकी प्यास बुझा कर वो धन्य हो गया।" यह सुनकर राम जी ने भी मोर से कहा," तुमने जो मेरे लिए किया, उसका रिण चुकाने के लिए मैं अगले जन्म में हर समय अपने सर पर मोर पंख धारण करूंगा।" और अगले जन्म में जब राम जी ने श्रीकृष्ण अवतार लिया तो हमेशा मोर के पंख अपने मुकुट में सजाये रखा। एक और कहानी के अनुसार बचपन से ही श्रीकृष्ण लल्ला के सर पर माता यशोदा मोर का पंख सजाती थीं, और बड़े होने पर भी श्रीकृष्ण मोर का पंख सर पर धारण करते रहें। एक और कथा के अनुसार, मोर के पंख में सभी रंग समाहित होती है। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन भी हर रंग में रंगा रहा, सुख दुख के अलावा और भी बहुत भाव थे उनके जीवन में रहे इसलिए वे हर रंग का प्रतीक मोर के पंख माथे पर सजाते हैं। । एक अन्य कहानी के अनुसार मोर और मोरनी का प्रेम सबसे पवित्र माना जाता है, और श्रीकृष्ण भी प्रेम की पवित्रता पर विश्वास रखते हैं, इसलिए वे प्रेम के प्रतीक मोर पंख को अपने मुकुट में लगाते रहें । एक अन्य कहानी के अनुसार, एक बार श्री कृष्ण और राधा जी नृत्य कर रहे थे। उनके साथ एक मोर भी नाचने लगा, नृत्य करते हुए मोर का एक पंख गिर गया तो श्रीकृष्ण ने उसे राधा जी के प्रेम का प्रतीक मानकर उठा लिया और सर पर धारण कर लिया। ** ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ You May Also like Read the Next Article