आजकल बच्चे अक्सर देर से बोलना सीखते है मोबाईल के कारण आज का युग इलेक्ट्रॉनिक्स युग है। घर के अंदर हो या बाहर, इस मॉडर्न युग में हम इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक़्स का इस्तमाल हर रोज करते है। उदाहरण के तौर पर हमारे जीवन में रोजमर्रा इस्तमाल में आने वाली चीज़ है कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट। यह इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस हमारे लिए बहुत उपयोगी जरूर है। लेकिन अगर इन डिवाइसेस का गलत इस्तेमाल किया जाए तो कई बार हमारा बहुत नुक़सान भी हो सकता है। By Lotpot 16 Apr 2022 in Stories Moral Stories New Update आज का युग इलेक्ट्रॉनिक्स युग है। घर के अंदर हो या बाहर, इस मॉडर्न युग में हम इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक़्स का इस्तमाल हर रोज करते है। उदाहरण के तौर पर हमारे जीवन में रोजमर्रा इस्तमाल में आने वाली चीज़ है कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट। यह इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस हमारे लिए बहुत उपयोगी जरूर है। लेकिन अगर इन डिवाइसेस का गलत इस्तेमाल किया जाए तो कई बार हमारा बहुत नुक़सान भी हो सकता है। खासकर छोटे बच्चों के लिए तो यह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज उनके विकास में बहुत ही खतरनाक हो सकता है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO द्वारा किए गए एक शोध से पता चला है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अगर स्मार्टफोन की लत लग जाए तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास बाधित हो सकता है। आज के समय में अक्सर माता पिता अपने छोटे बच्चों का मन बहलाए रखने के लिए उनके हाथों में स्मार्टफोन थमा देते है जो हाल के परीक्षणों के अनुसार उसके दिमाग और सीखने की क्षमता पर बहुत असर डालता है। खबरों के अनुसार कनाडा में, छह महीने से दो साल तक के आठ सौ चौरानबे बच्चों पर अठारह महीनों तक स्मार्टफोन के असर का शोध किया गया। यह बच्चे प्रति दिन आधा घंटा मोबाइल फोन देखते रहते थे, शोधकर्ताओं के अनुसार इन बच्चो द्वारा इतनी देर तक मोबाइल स्क्रीन पर नज़रे टिकाए रखने से उनकी बोलने और भाषा सीखने की क्षमता में 49 प्रतिशत कमी आ सकती है। पहले जो बच्चे दो साल की उम्र में बोलने लगते थे अब वे पांच साल बोलना सीखते हैं हालांकि सामाजिक मेल मिलाप, बॉडी लैंगवेज से इन गैजेट्स का कोई डायरेक्ट संबन्ध नहीं है। कनाडा के चिल्ड्रंस हॉस्पिटल के वैज्ञानिक कैथराइन बीर कहते हैं कि बच्चों के नए बालरोग गाइडलाइन के अनुसार छोटे बच्चों को स्मार्टफोन या टैबलेटलैपटॉप से दूर ही रखना चाहिए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बाल रोग विभाग से भी यह जानकारी सामने आई है कि छोटे बच्चों को मोबाईल फोन देकर शांत बैठाने की आदत के कारण बच्चे देर से बोलना सीख रहे हैं। इसलिए पैरेंट्स, गार्जियंस को चाहिए कि वे अपने छोटे बच्चों को मोबाईल, टैबलेट्स से बहलाने के बदले उनके साथ ज्यादा वक्त बिताए, उन्हें पार्क में घुमाने ले जाए, उनसे खूब बातें करें, उन्हें बोलना सिखाएं और आउटडोर खेलकूद की ओर बढ़ावा दें। #Lotpot Positive News You May Also like Read the Next Article